बरेली: जुड़वां में 1 बच्चा गायब!

💔 सनसनीखेज: अल्ट्रासाउंड में ‘जुड़वां’, प्रसव में मिला सिर्फ एक बच्चा! बरेली अस्पताल पर ‘बच्चा गायब’ करने का गंभीर आरोप

  • गंभीर आरोप: बरेली के जिला महिला अस्पताल पर एक किसान पिता ने अपने जुड़वां बच्चों में से एक नवजात को गायब करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है।

  • प्रमाण: पीड़ित पिता सुरेश बाबू के पास दो अलग-अलग अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट हैं, दोनों में जुड़वां बच्चों की पुष्टि थी (3 सितंबर और 14 नवंबर की रिपोर्ट)।

  • घटना: प्रसव के बाद स्टाफ ने परिवार को केवल एक बच्ची होने की जानकारी दी।

  • पीड़ित की गुहार: “मेरा दूसरा बच्चा कहां है? मेरे दिल का दूसरा टुकड़ा…!” कहते हुए पिता बेबस होकर रोता रहा।

  • कार्रवाई: हंगामे के बाद सीएमएस (CMS) ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।


👶🏻 बरेली महिला अस्पताल में बड़ा सवाल: जुड़वां बच्चा आखिर गया कहां?

उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित जिला महिला अस्पताल (District Women’s Hospital, Bareilly) पर एक किसान परिवार ने भयानक आरोप लगाया है। फरीदपुर तहसील, गजनेरा गांव के निवासी सुरेश बाबू और उनकी पत्नी राजेश्वरी देवी की कहानी किसी सदमे से कम नहीं है, क्योंकि उनकी दो-दो अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में जुड़वां बच्चे होने की पुष्टि के बावजूद, प्रसव के बाद उन्हें सिर्फ एक बच्ची सौंपी गई।

लाचार पिता सुरेश बाबू ने अस्पताल स्टाफ पर एक नवजात को गायब करने का गंभीर आरोप लगाया है।

📑 दोनों रिपोर्ट्स में जुड़वां बच्चे होने की पुष्टि

सुरेश बाबू ने बताया कि उन्होंने पत्नी राजेश्वरी देवी का पहला अल्ट्रासाउंड 3 सितंबर को एक निजी अस्पताल में कराया था, जब बच्चा 26 हफ्ते का था। उस रिपोर्ट में गर्भ में दो बच्चे होने की जानकारी मिली थी।

इसके बाद, 34 हफ्ते पूरे होने पर 14 नवंबर को उन्होंने जिला महिला अस्पताल में फिर से अल्ट्रासाउंड कराया। चौंकाने वाली बात यह है कि अस्पताल की अपनी रिपोर्ट में भी जुड़वां बच्चे होने की पुष्टि की गई थी।

😠 प्रसव के बाद ‘एक बच्ची’ बताकर स्टाफ हुआ हक्का-बक्का

जब महिला अस्पताल में राजेश्वरी देवी का प्रसव हुआ, तो स्टाफ ने परिवार को एक ही बच्ची के जन्म की सूचना दी। दो बार की जुड़वां रिपोर्ट को देखते हुए, सुरेश बाबू को तुरंत शक हुआ।

उन्होंने तुरंत प्रसव कराने वाली डॉक्टर और स्टाफ से पूछा, “मेरा दूसरा बच्चा कहां है?” इस सवाल से पूरा स्टाफ हक्का-बक्का रह गया। स्टाफ ने एक ही बच्ची होने की बात दोहराई।

पीड़ित पिता ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने प्रसव से पहले कराई गई अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देने की मांग की, तो स्टाफ ने उन्हें वह रिपोर्ट देने से मना कर दिया। परिवार ने अस्पताल पर बच्चा बदलने या गायब करने का गंभीर आरोप लगाया है।

⚖️ सीएमएस ने शुरू की जांच, न्याय की गुहार

किसान पिता सुरेश बाबू, जो पढ़े-लिखे नहीं हैं, लाचार होकर इधर-उधर भटकते रहे। मामला बढ़ता देख और पिता के बिलखने पर, स्टाफ ने जल्दबाजी में कागजी प्रक्रिया पूरी कर माँ और बच्ची को डिस्चार्ज कर दिया

आखिरकार, सुरेश बाबू ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) से संपर्क किया। सीएमएस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल जांच शुरू करने का भरोसा दिया है। यह मामला अस्पताल प्रबंधन की पारदर्शिता और स्टाफ की जवाबदेही पर बड़े सवाल खड़े कर रहा है।


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