Bareilly News- ज़िलाधिकारी ने किया रुहेलखण्ड मेडिकल कालेज में ऑक्सीज़न संयंत्र का उद्घाटन !
बरेली, 11 जनवरी। जिलाधिकारी श्री मानवेंद्र सिंह ने आज रूहेलखण्ड मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र का उद्घाटन किया। यह संयंत्र 800 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) तक मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन करने की क्षमता रखता है और यह कोविड-19 से पीड़ित व्यक्तियों को ऑक्सीजन थेरेपी और श्वसन सहायता प्रदान करेगा।
पब्लिक हेल्थ सेक्टर में कार्य करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘पाथ‘ ने इस महीने की शुरूआत में जिले में एक 800 एलपीएम संयंत्र प्रदान किया है। ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र के उद्घाटन के बाद जिलाधिकारी श्री मानवेंद्र सिंह ने कहा इस ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र की स्थापना हमारे मिशन में एक महत्वपूर्ण कदम है ताकि चिकित्सा ऑक्सीजन की मांग को पूरा किया जा सके और रोगियों को समय पर ऑक्सीजन प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि कोविड के गंभीर रोगियों को ऑक्सीजन की आवश्कता पड़ती है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि भविष्य में इस तरह के और संयंत्र स्थापित किए जायेगें ताकि कोरोना महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई को जारी रखा जा सके।
संपीड़ित हवा से नाइट्रोजन को सोखकर, ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र 93 प्रतिशत शुद्धता पर चिकित्सा ऑक्सीजन की एक सतत् धारा का उत्पादन करने में सक्षम होगा और अब अधिकतम आवश्यकता पर चिकित्सा ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के साथ प्रतिदिन 500 रोगियों को ऑक्सीजन उपलब्ध करा सकेगा। यह संयंत्र गूगल इंडिया द्वारा दान किया गया है और इसे ‘पाथ‘ के तकनीकी सहयोग से स्थापित किया गया है।
डा. सतीश ताजने, प्रोजेक्ट लीड, ‘पाथ‘ इंडिया कंट्री ने कहा कि ‘पाथ‘ लगभग एक दशक से श्वसन देखभाल के क्षेत्र में काम कर रहा है। महामारी की दूसरी लहर के दौरान जरुरतमंद रोगियों को ऑक्सीजन प्रदान करने में हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है, ‘पाथ‘ भारत में सरकारी अस्पतालों तथा चिकित्सा संस्थानों को इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। इस परियोजना के तहत ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर रोगियों को ऑक्सीजन थेरेपी मिल सके‘‘।
‘पाथ‘ के संचालन प्रबंधक श्री नीलेश गंगवार ने कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन की जीवन रक्षक शक्ति को दूर दराज के अस्पतालों तक पहुंचाना है। यह संयंत्र उसी लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम है।
बरेली से संपादक गोपाल चंद्र अग्रवाल की रिपोर्ट !