Bareilly : पीएसी बल की सुविधाओं में सुधार के लिए नियमित निरीक्षण और त्वरित समाधान के निर्देश : एडीजी रमित शर्मा
एडीजी रमित शर्मा के निर्देश पर पीएसी बल की सुविधाओं की जांच हेतु विशेष अभियान सम्पन्न
अपर पुलिस महानिदेशक रमित शर्मा के नेतृत्व में 41 पीएसी पोस्टों की हुई गहन जांच
पीएसी बल की 32 समस्याओं में से 5 का मौके पर समाधान, शेष समस्याओं पर तेजी से कार्रवाई
बरेली जोन के नौ जनपदों में पुलिस अधिकारियों ने की पीएसी कर्मियों से सीधी बातचीत
बरेली, 22 अक्टूबर। बरेली जोन में पीएसी के कर्मचारियों की मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 19 और 20 अक्टूबर 2024 को एक विशेष अभियान चलाया गया।
इस अभियान का नेतृत्व अपर पुलिस महानिदेशक रमित शर्मा, बरेली जोन ने किया, जिसका उद्देश्य पीएसी बल के कर्मचारियों को उनके कार्यस्थलों पर सुविधाओं का आकलन करना और किसी भी कमी को दूर करना था।
इस विशेष अभियान के तहत बरेली जोन के नौ जनपदों (बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, संभल, और बिजनौर) में तैनात पीएसी बल के 41 स्थानों का निरीक्षण किया गया।
अभियान का उद्देश्य और पृष्ठभूमि:
पीएसी बल प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने, दंगों पर काबू पाने, आपातकालीन परिस्थितियों में राहत कार्य, और अन्य पुलिस कार्यों में अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में, पीएसी कर्मियों को उनके कार्यस्थलों पर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना आवश्यक हो जाता है, ताकि वे बिना किसी बाधा के अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।
अपर पुलिस महानिदेशक, बरेली जोन के निर्देशन में यह निर्णय लिया गया कि सभी जनपदों में तैनात पीएसी बल की मूलभूत आवश्यकताओं और रहने की सुविधाओं की बारीकी से जांच की जाए।
यह अभियान पीएसी कर्मियों की समस्याओं को समझने और उन्हें तुरंत समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया इसमें पीएसी बल कर्मियों के रहने के स्थान, पेयजल, शौचालय, स्वच्छता, और अन्य आवश्यक सुविधाओं की स्थिति की विस्तृत जांच की गई।
जांच अभियान का संचालन:
अभियान के तहत बरेली जोन के सभी 41 पीएसी पोस्टों का निरीक्षण किया गया। प्रत्येक पोस्ट की जांच वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), पुलिस अधीक्षक (एसपी), अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी), और क्षेत्राधिकारी (सीओ) स्तर के अधिकारियों ने की। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने कर्मियों के साथ सीधा संवाद स्थापित किया और उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया।
अधिकारियों ने पीएसी कर्मियों से बातचीत करते हुए उनकी मूलभूत आवश्यकताओं जैसे कि रहने की स्थिति, पेयजल की उपलब्धता, साफ-सफाई, शौचालय की स्थिति, और अन्य जरूरी सुविधाओं की स्थिति का आकलन किया। इस प्रक्रिया में कर्मियों ने अपनी समस्याएं और आवश्यकताएं साझा कीं, जिनका मौके पर ही समाधान निकालने का प्रयास किया गया।
मुख्य निष्कर्ष:
जांच के दौरान सामने आई प्रमुख समस्याओं और उनके समाधान को लेकर निम्नलिखित बिंदु उभर कर सामने आए:
1. समस्याओं की पहचान:
पीएसी कर्मियों से बातचीत के दौरान कुल 32 समस्याएं चिन्हित की गईं। इनमें कुछ समस्याएं जैसे पानी की कमी, शौचालय की साफ-सफाई, और बिजली की आपूर्ति जैसे बुनियादी मुद्दे शामिल थे। अधिकारियों ने इन समस्याओं को गंभीरता से लिया और त्वरित समाधान की प्रक्रिया शुरू की।
2. समस्याओं का समाधान:
मौके पर ही 5 समस्याओं का तत्काल समाधान किया गया। इनमें शौचालय की सफाई, बिजली की मरम्मत, और पेयजल की आपूर्ति से संबंधित समस्याएं शामिल थीं। इन समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया गया ताकि पीएसी कर्मियों को कोई असुविधा न हो।
3. बकाया समस्याएं और निर्देश:
जिन 27 समस्याओं का तत्काल समाधान नहीं हो सका, उनके निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्हें 2 दिनों के भीतर इन समस्याओं का समाधान करने का आदेश दिया गया है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी समस्या लंबित न रहे और पीएसी कर्मियों को जल्द से जल्द सुविधाएं मिलें।
4. भविष्य की जांच:
जिन पोस्टों पर कर्मियों द्वारा कोई समस्या नहीं बताई गई, वहां एक सप्ताह के भीतर पुनः जांच का आदेश दिया गया है। यह जांच अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) स्तर के अधिकारियों द्वारा की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी समस्या अनदेखी न रह जाए और पीएसी कर्मियों को समय-समय पर सुविधाएं प्राप्त होती रहें।
सुविधाओं में सुधार की दिशा में कदम:
अभियान का मुख्य उद्देश्य पुलिस बल की कार्यक्षमता को बढ़ाना और उन्हें बेहतर कार्य परिस्थितियों में रखना था। बेहतर सुविधाओं के साथ पीएसी कर्मी अपने कार्यों को अधिक उत्साह और समर्पण के साथ कर सकेंगे। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि बेहतर सुविधाएं और समस्याओं का त्वरित समाधान कर्मियों का मनोबल बढ़ाता है और उनके प्रदर्शन में सुधार करता है।
इस अभियान के माध्यम से पुलिस प्रशासन ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वे न केवल कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, बल्कि अपने कर्मचारियों की भलाई और उनकी कार्य स्थितियों को भी सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं।
भविष्य की योजनाएं:
यह अभियान एक बार का प्रयास नहीं था, बल्कि भविष्य में भी ऐसे निरीक्षण और जांच अभियान समय-समय पर किए जाएंगे। इसके तहत न केवल पीएसी कर्मियों की मूलभूत आवश्यकताओं की जांच की जाएगी, बल्कि उनके कार्यस्थलों की स्वच्छता और अन्य सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाएगा। पुलिस प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि सभी कर्मियों को समय पर सुविधाएं मिलें और किसी भी समस्या का त्वरित समाधान हो।
अपर पुलिस महानिदेशक ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे नियमित रूप से इन पोस्टों की जांच करते रहें और कर्मियों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर करें। इसके साथ ही, प्रत्येक जनपद में वरिष्ठ अधिकारियों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे समय-समय पर पीएसी पोस्टों का निरीक्षण करें और कर्मियों के साथ संवाद बनाए रखें।
समाज के प्रति पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी:
यह अभियान पुलिस प्रशासन की एक सकारात्मक पहल है, जो न केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए समर्पित है, बल्कि अपने कर्मचारियों की जरूरतों और उनके कल्याण का भी पूरा ध्यान रखता है। पीएसी बल के कर्मचारी पुलिस प्रशासन की रीढ़ की हड्डी हैं, और उनके कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए उन्हें आवश्यक सुविधाएं प्रदान करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।
बरेली जोन में इस विशेष अभियान ने यह सुनिश्चित किया कि पीएसी बल के कर्मियों को उनकी जरूरतों के अनुरूप सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। यह पहल पुलिस बल के प्रति प्रशासन की संवेदनशीलता और उनकी भलाई के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। आने वाले समय में भी इस प्रकार के अभियान और निरीक्षण किए जाएंगे ताकि पुलिस बल की सभी आवश्यकताओं को समय पर पूरा किया जा सके।
गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स न्यूज़