बांग्लादेश हिंसा: मुस्लिम धर्मगुरु की अपील

Bangladesh Violence: “हिंदुओं के साथ खड़े हों भारतीय मुसलमान”, बांग्लादेश हिंसा पर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी की बड़ी अपील

बरेली/नई दिल्ली: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा, आगजनी और मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर भारत के प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरु ने कड़ा रुख अपनाया है। आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने इन घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे ‘अमानवीय’ करार दिया है।

“चरमरा गई है बांग्लादेश की कानून-व्यवस्था”

मौलाना बरेलवी ने कहा कि वर्तमान में बांग्लादेश की स्थिति बेहद नाजुक है। वहां की कानून-व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले किसी भी सभ्य समाज के लिए स्वीकार्य नहीं हैं और यह पूरी इंसानियत के लिए शर्मसार करने वाली बात है।

भारतीय मुसलमानों से एकजुटता की अपील

मौलाना शहाबुद्दीन ने एक बड़ा बयान देते हुए भारतीय मुसलमानों से अपील की है:

“अगर देश के हिंदू भाई बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के विरोध में सड़कों पर उतरते हैं, तो मुसलमानों को भी उनके कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े होना चाहिए। पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए आवाज उठाना हमारा मानवीय धर्म है।”

कट्टरपंथियों और पाकिस्तान पर बड़ा आरोप

मौलाना ने सीधे तौर पर कट्टरपंथी ताकतों को निशाने पर लेते हुए कहा कि कुछ लोग इस्लाम की छवि को धूमिल कर रहे हैं। उनके मुख्य आरोप इस प्रकार हैं:

  • इस्लाम विरोधी कृत्य: इस्लाम शांति और भाईचारे का संदेश देता है, लेकिन बांग्लादेश में कट्टरपंथी लोग एक निर्दोष की हत्या कर पूरी इंसानियत का कत्ल कर रहे हैं।

  • विदेशी साजिश: उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ कट्टरपंथी तत्व पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के साथ मिलकर बांग्लादेश को अस्थिर करने की साजिश रच रहे हैं।

  • यूनुस सरकार की विफलता: मौलाना ने कहा कि मुहम्मद यूनुस की सरकार वहां शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह विफल साबित हुई है।

भारतीय राजनीति पर कटाक्ष

मौलाना बरेलवी ने उन भारतीय राजनेताओं को भी आड़े हाथों लिया जो बांग्लादेश की हिंसा को भारत की आंतरिक स्थिति से जोड़कर भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने ऐसे लोगों को ‘इंसानियत और सामाजिक सौहार्द का दुश्मन’ बताया।


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