स्ट्रीमिंग सफलता की परिभाषा तय कर रहे हैं अभिषेक बच्चन

स्ट्रीमिंग सफलता की परिभाषा तय कर रहे हैं अभिषेक बच्चन
मुंबई  : ऐसे इंडस्ट्री में जहाँ अटेन्शन क्षण भर के लिए होता है और डिजिटल दर्शकों को खुश करना बेहद कठिन माना जाता है, अभिषेक बच्चन उन गिने-चुने अभिनेताओं में से हैं जिन्होंने न केवल ओटीटी के दौर में खुद को बनाए रखा है, बल्कि इस माध्यम को बख़ूबी साधा भी है। हाल ही में विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर उनके एक से बढ़कर एक प्रभावशाली प्रदर्शन यह साबित कर रहे हैं कि आज की सफलता शोर मचाने में नहीं, बल्कि सही चुनाव करने में है। चाहे वह तीखी व्यंग्यात्मक फिल्म हो, भावनात्मक ड्रामा हो या फिर दिल को छू लेने वाली हल्की-फुल्की कहानी। अभिषेक ने ऐसी कहानियों के साथ तालमेल बिठाया है जो दिल को छूती हैं और ऐसे किरदार निभाए हैं जो सीमाओं को चुनौती देते हैं।
उदाहरण के लिए, अमेज़ॅन प्राइम वीडियो की हिट फिल्म “बी हैप्पी” को ही ले लीजिए, जो रिलीज़ होते ही नंबर 1 पर ट्रेंड करने लगी। इस फिल्म की गर्मजोशी, हास्य और “रिलैटेबिलिटी” ने हर उम्र वर्गों के लोगों को प्रभावित किया, और कई लोगों ने इसे साल की सबसे सुकून देने वाली फिल्मों में से एक बताया। इससे पहले नेटफ्लिक्स पर “आई वांट टू टॉक” आई थी, जो न केवल स्ट्रीमिंग पर सफल रही, बल्कि हर जगह चर्चा का विषय बन गई, और अभिषेक को उनके बहुस्तरीय, संयमित अभिनय के लिए कई पुरस्कार मिले।
शिक्षा व्यवस्था पर आधारित सामाजिक कॉमेडी “दसवी” नेटफ्लिक्स इंडिया के चार्ट में टॉप पर पहुँच गई और अपने तीखे संदेश और कॉमिक टाइमिंग के लिए जानी गई। वहीं कालीधार लापता ने उनकी डिजिटल जर्नी को एक और बेहतरीन और समीक्षकों द्वारा सराही गई भूमिका के साथ पूरा किया, जो दिखाता है कि वह किस तरह से सहजता से विभिन्न शैलियों और माध्यमों के बीच बदलाव करते हैं।
इस बारे में बात करते हुए अभिषेक कहते हैं, “मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूँ कि मुझे “आई वांट टू टॉक”, “बी हैप्पी”, “हाउसफुल 5”, “कालीधर लापता” जैसी फ़िल्में करने का मौका मिला। यह वाकई सुखद है कि हम ऐसे समय में जी रहे हैं जब दर्शक इतनी विविधता को खुले दिल से अपना रहे हैं। मैं शुक्रगुज़ार हूँ कि निर्माता मुझ पर इतना भरोसा करते हैं। दर्शकों की तरफ़ से यह आज़ादी बहुत मायने रखती है।”
इन सभी प्रोजेक्ट्स को जोड़ने वाली कड़ी सिर्फ़ अभिषेक का अभिनय नहीं है, बल्कि वह आत्मविश्वास है जिसके साथ उन्होंने ऐसी कहानियाँ चुनीं जो दिखावे से ज़्यादा कुछ कहती हैं। इस डिजिटल दौर में, अभिषेक बच्चन एक ऐसा सफर गढ़ रहे हैं जो सार्थकता और निरंतरता पर टिका है, जहाँ काम बोलता है और दुनिया देखती है। दर्शक, समीक्षक और व्यापार जगत, सब उनकी ओर ध्यान दे रहे हैं। अभिषेक बच्चन अब सिर्फ़ ट्रेंड नहीं कर रहे,वे 2025 में स्ट्रीमिंग सफलता की परिभाषा तय कर रहे हैं।
मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: