60वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला – ऑटम 2025 13–17 अक्टूबर 2025; इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा
प्रेस विज्ञप्ति – पांचवां दिन
60वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला – ऑटम 2025
13–17 अक्टूबर 2025; इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा
एक भव्य दिव्य और ऐतिहासिक आयोजन का शानदार समापन
क्रेताओं को मिला लाभ, सीख, प्रेरणा ,वो स्प्रिंग 2026 संस्करण में पुनः मिलने के वादे के साथ लौटे 5 दिवसीय व्यापार समागम का समापन 112 देशों से आए खरीदारों के साथ, ऑर्डर बुकिंग और पूछताछ की संख्या Rs.3000 करोड़ पर पहुंची दिल्ली/एनसीआर – 17 अक्टूबर 2025 – 13 से 17 अक्टूबर 2025 तक ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित ऐतिहासिक भव्य और दिव्य आईएचजीएफ दिल्ली मेला–ऑटम 2025 के 60वें संस्करण का शानदार समापन आज उत्साहपूर्ण वातावरण में हुआ।
आयोजनों के लिहाज से मील का पत्थर कहे जा सकने वाले इस आयोजन के शानदार समापम के मौके पर हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद ईपीसीएच के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने कहा, “यह संस्करण भव्य प्रदर्शन और विशाल दृष्टिकोण के साथ एक शानदार आयोजन रहा। आयोजकों, प्रदर्शकों और पूरे हस्तशिल्प क्षेत्र ने मिलकर इसके मानकों को ऊंचा किया है। आगामी फरवरी 2026 संस्करण इस आयोजन को इस स्तर से भी आगे जाने को तैयार है।
आयोजन में शिरकत करने वाले क्रेताओं ने आयोजन के दौरान और इसके बाद लौटने से पहले ही अगले संस्करण के लिए अपनी उत्सुकता व्यक्त की है। आईएचजीएफ दिल्ली फेयर–ऑटम 2025 ने विश्वभर से अंतरराष्ट्रीय खरीदारों का स्वागत किया। इस आयोजन को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख सोर्सिंग प्लेटफॉर्म के रूप में मान्यता प्राप्त है। अपनी ख्याति के अनुसार आयोजन में 3,000 से अधिक प्रदर्शकों, क्षेत्रीय विशेषताओं को प्रदर्शित करने वाले शिल्प उद्यमियों ने शिरकत की। इन्होंने उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला के साथ सहभागिता की जो कि ईपीसीएच और भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय की कौशल विकास और डिज़ाइन इंटीग्रेटेड पहलों का नतीजा हैं।”
ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार इस अवसर पर कहा, “हमारे प्रदर्शक, जो अब ईपीसीएच के नेतृत्व में भारत के प्रमुख निर्यात बाजारों में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मेलों में भाग लेकर वैश्विक समुदाय का हिस्सा बन चुके हैं, खरीदारों की अपेक्षाओं और बाजार प्रवृत्तियों की बहुमूल्य समझ लेकर लौटते हैं। वे इस अनुभव और सीख को अपने उत्पादों और दृश्य प्रस्तुतियों में लागू करते हैं। इस वर्ष उनके अतिरिक्त प्रयास स्पष्ट रूप से अनूठे और आकर्षक प्रदर्शन में दिखाई दिए।
नए उत्पाद नवाचारों ने व्यापार में वृद्धि की, कई प्रदर्शकों ने अपने क्रेता सूची का विस्तार किया। नियमित आगंतुकों ने सहजता से बताया कि हर संस्करण कुछ नया चमत्कारी प्रस्तुत करता है। स्पष्ट रूप से परिभाषित उत्पाद वर्गों और विशाल प्रदर्शन के साथ व्यापक पैमाने और सहज लेआउट ने इस संस्करण को विशेष रूप से प्रभावशाली बना दिया। कई आईएचजीएफ संरक्षक जो कुछ सीज़न बाद लौटे, उनके लिए यह संस्करण एक नवीन और स्वागत योग्य परिवर्तन बनकर उभरा।”
ईपीसीएच के उपाध्यक्ष श्री सागर मेहता ने इस अवसर पर कहा, “जैसे-जैसे मेला सोर्सिंग सीज़न के समापन की ओर बढ़ा, हमने देखा कि हमारे नियमित खरीदार हमारे निर्यातकों के साथ अपने व्यापार में निरंतर बने रहे। सामान्यतः, स्थायित्व एक प्रमुख केंद्र रहा, कई खरीदारों ने विशेष रूप से इको फ्रेंडली और कंप्लायंट कलेक्शन, विशेष रूप से गृह और जीवनशैली उत्पादों में, की मांग की, । यूरोपीय खरीदारों ने फर्नीचर, गृह सज्जा, उपहार वस्तुएं, गृह उपयोगी वस्तुएं, बैग और क्रिसमस सजावट सहित विविध वस्तुएं खरीदीं।
जूट, हेंप, मोटी नदी किनारे की घास से बने उत्पाद, बेंत और बांस जैसे प्राकृतिक सामग्री से बने टोकरी और उपयोगी उत्पादों ने भी काफी रुचि दिखाई। वस्त्र खरीदारों ने गृह सज्जा और रसोई लिनन की विस्तृत श्रृंखला की सराहना की। फैशन एक्सेसरी जैसे स्कार्फ, स्टोल और शॉल की खरीद करने वालों ने उपलब्ध विविधता से खुशी जताई। उपहार वस्तुएं, कागज़ी उत्पाद, इंटीरियर हार्डवेयर एंड कंपोनेंट भी खरीदारों को पर्याप्त विकल्प प्रदान करते हैं।”
ईपीसीएच के मुख्य संयोजक श्री अवधेश अग्रवाल ने कहा, “पांच दिनों के दौरान, मेले में भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री माननीय श्री जितिन प्रसाद: उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्र मंत्री श्री राकेश सचान; तथा उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास, निर्यात संवर्धन, एनआरआई एवं निवेश संवर्धन मंत्री श्री नंद गोपाल ‘नंदी’ की गरिमामयी उपस्थिति से आयोजन की शोभा बढ़ी।
इसके अतिरिक्त कई सरकारी गणमान्य व्यक्ति और विशिष्ट अतिथि जैसे,शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद श्री मिथलेश कुमार कटारिया; उत्तर प्रदेश सरकार में अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात संवर्धन, उत्तर प्रदेश सरकार/निर्यात आयुक्त, आईडीसी श्री आलोक कुमार; भारत सरकार में सचिव, वस्त्र मंत्रालय, श्रीमती नीलम शमी राव; भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय में हथकरघा विकास आयुक्त डॉ. एम बीना; गौतमबुद्ध नगर नोएडा की जिलाधिकारी और आईएएस अधिकार श्रीमती मेधा रूपम तथा अन्य कई विशिष्ट अतिथियों ने मेले का दौरा किया।”
आईएचजीएफ दिल्ली मेला–ऑटम 2025 के अध्यक्ष श्री रजत अस्थाना ने व्यापार आगंतुकों की प्रतिक्रिया साझा करते हुए बताया, “खरीदार कारीगरों और नए उद्यमियों को बड़े और स्थापित प्रतिभागियों के साथ शामिल किए जाने की सराहना कर रहे हैं। अधिकांश के लिए आईएचजीएफ दिल्ली फेयर में आना उतना ही सुखद अनुभव है जितना कि ईपीसीएच के साथ उनका दीर्घकालिक और निरंतर संबंध और उनके आपूर्तिकर्ताओं की इनोवेटिव उत्पाद श्रृंखला। कई क्रेता बताते हैं कि वे ऑर्डर के साथ लौट रहे हैं और कुछ अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं।”
यूके की एक खरीदार अपने भारतीय निर्यातक मित्रों से मिलने और लंदन स्थित अपने डिपार्टमेंटल स्टोर के लिए लाइटिंग और गृह उत्पादों की सोर्सिंग कर बहुत खुश दिखीं। उन्होंने कहा, “मेरे पिछले दौरे के बाद से अब काफी बदलाव देखे हैं। सब कुछ बेहतर प्रतीत होता है, जैसे ऐप जैसी तकनीक से लेकर उपलब्ध सुविधाएं तक। हालांकि शुल्क के कारण कीमतें थोड़ी बढ़ी हैं, लेकिन प्रदर्शित गुणवत्ता और नवाचार इसे पूरी तरह से सार्थक बनाते हैं।”
ग्वाटेमाला के द्वितीय पीढ़ी के खरीदार चार्ली सेलेचनिक ने कहा**, भारत फर्नीचर और गृह सज्जा उत्पादों के लिए उनका प्रमुख सोर्सिंग गंतव्य बना हुआ है। ऑस्ट्रेलिया की खरीदार जेम्मा रॉबर्ट्सन,जो भारतीय हस्तनिर्मित आभूषणों और महिलाओं के फैशन, विशेष रूप से बैग में रुचि रखती हैं, पहली बार मेले में आईं। उन्होंने उत्साहपूर्वक कहा, “मैं यहां जो कुछ भी देख रही हूं, उससे बेहद उत्साहित हूं।”
स्पेन से आए उरको एट्कोटेगी, जो यूरोपीय बाजार के लिए गृह सज्जा और गृह वस्त्रों का व्यापार करते हैं, ने साझा किया, “यह वास्तव में मेरी दसवीं यात्रा है। मैं बार-बार लौटता हूं क्योंकि उत्पाद सुंदरता से बनाए जाते हैं और भारतीय हस्तशिल्प की गुणवत्ता हमेशा अलग पहचान रखती है। वर्षों से कीमतें काफी स्थिर रही हैं, जो नियमित खरीदारों के लिए एक अच्छी बात है।”
आईएचजीएफ दिल्ली मेला–ऑटम 2025 के उपाध्यक्ष श्री सिमरनदीप सिंह कोहली ने बताया, “भारत और विदेशों के प्रतिष्ठित उद्योग विशेषज्ञों द्वारा आयोजित पैनल चर्चा और जागरूकता संगोष्ठियों ने मौजूदा विषयों जैसे ‘बियॉन्ड सीज़न्स’, ‘डिजिटाइजेशन फॉर एक्सपोर्ट्स’, ‘फ्रॉम मेकर टू मार्केट’, ‘बेस्ट इंडस्ट्रियल प्रैक्टिसेस’, ‘स्थानीय कैश एंड कैरी इन जस्ट-इन-टाइम (जेआईटी) मॉडल में लोगों को सूचना दी गयी। इन संगोष्ठियों में लोगों की बड़ी संख्या में भागीदारी देखी गयी और उन्होंने इसकी सराहना की।”
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर के वर्मा ने आगे बताया, “112 देशों से लगभग 6736 क्रेता, क्रय प्रतिनिधि और घरेलू मात्रा में क्रेता मेले में आए, जिसके परिणामस्वरूप 3000 करोड़ रुपये मूल्य की व्यावसायिक पूछताछ हुई।” “खरीदार अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, स्पेन, जापान, कोरिया, सिंगापुर, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका और कई अन्य देशों से आए थे। टीजेएक्स कंपनीज़-अमेरिका, XXXLUTZ-जर्मनी, लैंडमार्क ग्रुप-दुबई, वीसीएनवाई होम-संयुक्त राज्य अमेरिका, बेनजारा इंक.-अमेरिका, कलालौ इंक.-अमेरिका, लोलोई इंक.-अमेरिका, टारगेट-अमेरिका, इंट्राटुइन-नीदरलैंड्स, कावेहोम-स्पेन, माया कलेक्टिव-कनाडा, पोमैक्स-बेल्जियम, सुगिता ऐस कंपनी-जापान, तबरेज़, द ड्रेसिंग रूम-सऊदी अरब, अमेडियस-फ्रांस, आर्टिसन फ़र्निट्यू-यूनाइटेड किंगडम, बॉहॉस प्राइवेट-ऑस्ट्रेलिया, रेटेहोम-रूस जैसे ब्रांड्स। उन्होंने आगे बताया कि मेले में डैन्टोन-होम-रूस, मिडबार-इज़राइल, ब्राज़ील-एलपी इम्पोर्ट्स, लोनलो-जापान, लेरुचे-तुर्की, ले-फोर्ज़-न्यूज़ीलैंड आदि ने अपने सोर्सिंग प्रतिनिधित्व दौरा किए।
हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि और होम, लाइफस्टाइल, टेक्स्टाइल, फर्नीचर और फैशन जूलरी ऐंड एक्सेसरीज प्रॉडक्ट के उत्पादन में लगे क्राफ्ट क्लस्टर के लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के प्रतिभाशाली हाथों के जादू की ब्रांड इमेज बनाने के लिए जिम्मेदार एक नोडल संस्थान है। इस अवसर पर ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर के वर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान हस्तशिल्प का कुल निर्यात 33,123 करोड़ रुपये (3,918 मिलियन डॉलर) रहा।
कोमल,मिगलानी