बॉम्बे जिमखाना के 150 साल: डाक टिकट जारी
🎖️ ऐतिहासिक सम्मान: बॉम्बे जिमखाना के 150 साल पूरे होने पर संचार मंत्री सिंधिया ने जारी किया विशेष स्मारक डाक टिकट
🎯 मुख्य कीवर्ड्स: बॉम्बे जिमखाना 150 वर्ष, ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया डाक टिकट, भारतीय खेल विरासत, बॉम्बे जिमखाना इतिहास, सुनील गावस्कर
Allrights संवाददाता (अनिल बेदाग) मुंबई:- नई दिल्ली: भारत के सबसे प्रतिष्ठित खेल संस्थानों में शुमार बॉम्बे जिमखाना ने अपनी 150 वर्षों की गौरवशाली यात्रा (1875–2025) को एक ऐतिहासिक सम्मान के साथ चिह्नित किया है। भारत सरकार के संचार मंत्री एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने बॉम्बे जिमखाना के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक विशेष स्मारक डाक टिकट जारी किया।
यह अवसर भारतीय खेल इतिहास, डाक विरासत और राष्ट्रीय गौरव के एक अविस्मरणीय संगम का साक्षी बना।
📜 सिंधिया बोले: “डाक टिकट राष्ट्र की जीवंत स्मृतियाँ”
डाक टिकट का विमोचन करते हुए श्री सिंधिया ने बॉम्बे जिमखाना के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डाक टिकट केवल संग्रहणीय वस्तुएँ नहीं होती हैं, बल्कि ये राष्ट्र की जीवंत स्मृतियाँ होती हैं।
उन्होंने बॉम्बे जिमखाना पर जारी इस स्मारक टिकट को उस संस्था के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि बताया, जिसने डेढ़ सदी से भारतीय खेल संस्कृति को आकार दिया है। सिंधिया ने जिमखाना को उत्कृष्टता, अनुशासन और सामुदायिक भावना का प्रतीक बताते हुए कहा कि ऐसी संस्थाएँ भारत की पहचान को वैश्विक मंच पर सशक्त बनाती हैं।
🏏 150 साल की विरासत: खेल दिग्गजों का घर
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स्थापना: 1875 में स्थापित, बॉम्बे जिमखाना भारत का पहला प्रामाणिक बहु-खेल केंद्र रहा है।
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खेल विधाएं: इसने क्रिकेट, हॉकी, टेनिस, बैडमिंटन, स्क्वैश और एथलेटिक्स सहित अनेक खेलों में विश्वस्तरीय प्रतिभाएँ दी हैं।
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प्रमुख नाम: इसका नाम सुनील गावस्कर, रवि शास्त्री, दिलीप वेंगसरकर और महेश भूपति जैसे भारतीय खेल जगत के दिग्गजों से जुड़ा रहा है।
स्मारक डाक टिकट का यह विमोचन केवल अतीत का उत्सव नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को खेल, अनुशासन और विरासत से जोड़ने का एक प्रेरक संदेश है—जिसे श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने इस राष्ट्रीय मंच पर सशक्त रूप से रेखांकित किया।
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