₹54.86 Cr संपत्ति IDBI Bank को बहाल

🏦 IDBI बैंक को बड़ी राहत: ED ने ₹54.86 करोड़ की कुर्क संपत्ति लौटाई, Siva Group घोटाले में बड़ी कार्रवाई

PMLA की धारा 8(8) के तहत Axcel Sunshine Ltd. से जुड़ी संपत्तियों की बहाली; बैंक को ₹600 करोड़ का नुकसान

नई दिल्ली/बेंगलुरु: प्रवर्तन निदेशालय (Directorate of Enforcement – ED) ने धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के एक महत्वपूर्ण मामले में IDBI बैंक को बड़ी राहत दी है। ED ने मेसर्स एक्सेल सनशाइन लिमिटेड (M/s Axcel Sunshine Limited) और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के दौरान कुर्क की गई ₹54.86 करोड़ मूल्य की दो अचल संपत्तियों को IDBI बैंक को बहाल कर दिया है।

यह बहाली विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (PMLA), 2002 की धारा 8(8) के तहत IDBI बैंक द्वारा दायर आवेदन के समर्थन में की गई है।

🚨 लोन घोटाला: NPA को चुकाने के लिए नया लोन

ED ने यह जांच IDBI बैंक की शिकायत के आधार पर CBI, BS&FC, बेंगलुरु द्वारा IPC, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज FIR के आधार पर शुरू की थी।

  • पहला नुकसान: FIR के अनुसार, IDBI बैंक को सबसे पहले Win Wind Oy (जो कि Siva Group की एक कंपनी है) को दिए गए EUR 52 मिलियन लोन से बड़ा NPA नुकसान हुआ था।

  • साजिश: NPA वसूली की कार्रवाई चल रही थी, तभी IDBI के अधिकारियों और Siva Group ने कथित तौर पर साज़िश रची।

  • नया लोन: मार्च 2014 में Siva Group से जुड़ी एक अन्य इकाई Axcel Sunshine Ltd. के लिए US$ 83 मिलियन का नया लोन सुरक्षित किया गया।

  • फंड का डायवर्जन: इस नए लोन का एक बड़ा हिस्सा (US$ 65 मिलियन) कथित तौर पर Win Wind Oy के NPA को बंद करने के लिए इस्तेमाल किया गया, जिससे Siva Group को फायदा हुआ।

  • नियमों का उल्लंघन: यह लोन नियामक उल्लंघन (regulatory violations), प्रतिभूतियों को कम करने (dilution of securities), और जानबूझकर गिरवी/गारंटी का दुरुपयोग करने के बावजूद स्वीकृत किया गया था।

  • परिणाम: इस तरह से NPA बंद करने से IDBI बैंक ने सभी वसूली कार्रवाइयां वापस ले लीं और SIHL की कॉरपोरेट गारंटी जारी कर दी, जिससे बैंक को ₹600 करोड़ से अधिक का अनुचित नुकसान हुआ।

🔍 PMLA जांच और कुर्की

PMLA जांच के दौरान यह पाया गया कि आरोपियों ने व्यवस्थित रूप से बैंक के फंड को मंजूर किए गए उद्देश्य के बजाय अन्य व्यक्तिगत उद्देश्यों के लिए डायवर्ट और गबन किया।

  • कुर्की: ED ने दो अस्थाई कुर्की आदेशों के माध्यम से ₹245 करोड़ (लगभग) मूल्य की चल और अचल संपत्तियां कुर्क की थीं, जिसे बाद में न्याय निर्णायक प्राधिकरण ने 13.01.2020 और 24.11.2025 को पुष्टि कर दी थी।

  • चार्जशीट: ED ने 22.02.2021 को विशेष PMLA कोर्ट में अभियोजन शिकायत (Prosecution Complaint) भी दाखिल की थी।

🥳 बैंक को मिली वसूली

IDBI बैंक ने विशेष न्यायालय का रुख किया और PMLA की धारा 8(8) के तहत दो अचल संपत्तियों की बहाली की मांग की।

  • ED का समर्थन: ED ने बैंक के आवेदन पर सहमति व्यक्त की, क्योंकि कुर्की पीड़ित बैंक के लाभ के लिए की गई थी।

  • कोर्ट का आदेश: माननीय विशेष न्यायालय ने 09 दिसंबर 2025 को बृहत्तर सार्वजनिक हित और पीड़ित बैंक के नुकसान को ध्यान में रखते हुए ₹54.86 करोड़ मूल्य की दो संपत्तियों को IDBI बैंक को बहाल करने का आदेश दिया।

यह कार्रवाई दर्शाता है कि PMLA कानून धोखाधड़ी से प्रभावित संस्थानों को नुकसान की भरपाई में सहायता करने की शक्ति रखता है।


खबरें और भी:-

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: