बरेली समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. अनीस बेग का मैक्स लाइफ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड फहमी आईवीएफ सेंटर एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गया है।

बरेली। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. अनीस बेग का मैक्स लाइफ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड फहमी आईवीएफ सेंटर एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गया है। बारादरी क्षेत्र स्थित इस निजी अस्पताल पर अब तक नाम विवाद, बगैर पंजीकरण संचालन और अनियमित मरीज भर्ती जैसे कई गंभीर आरोप लग चुके हैं।

सूत्रों के मुताबिक, यह अस्पताल जब शुरू हुआ तो मैक्स लाइफ नाम से संचालित किया गया था। इस पर दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित हेल्थकेयर ग्रुप ‘मैक्स’ ने नाम के दुरुपयोग को लेकर कानूनी नोटिस भेजा था।

इसके बाद डॉ. अनीस बेग ने अस्पताल का नाम ‘मैक्सा लाइफ’ करने का प्रयास किया और इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. विश्राम सिंह को आवेदन भेजा।

सीएमओ ने रद्द किया पंजीकरण

सीएमओ कार्यालय द्वारा हाल ही में की गई जांच के बाद यह पाया गया कि अस्पताल का न तो नया नाम मैक्सा लाइफ विधिक मानकों पर खरा उतरता है और न ही पुराना पंजीकरण अब वैध है। इसी के चलते सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने अस्पताल का पंजीकरण रद्द करते हुए इसकी सूचना संबंधित प्रबंधन को दे दी है।

शहर की एक प्रमुख सामाजिक संस्था ने अस्पताल पर बिना वैध पंजीकरण इलाज करने का आरोप लगाते हुए सीएमओ को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। संस्था ने स्पष्ट कहा है कि यदि 1 अगस्त तक इस अस्पताल पर कार्रवाई नहीं हुई तो सीएमओ कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया जाएगा

गनशॉट केस की सूचना नहीं दी पुलिस को

इस बीच, सूत्रों से यह भी जानकारी सामने आई है कि अस्पताल में एक युवक दीपक का इलाज किया जा रहा है, जिसे कथित तौर पर गोली लगी है। आश्चर्य की बात यह है कि घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को नहीं दी गई, जो गंभीर कानून उल्लंघन की श्रेणी में आता है।

हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। पूरा मामला अब प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। सवाल यह है कि सपा नेता होने के चलते क्या प्रशासन इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है या जल्द कोई सख्त कार्रवाई होगी।

सीएमओ और डॉ अनीस बेग का बयान

जब इस संबंध में सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा डॉ. अनीस बेग ने अस्पताल का पंजीकरण करा लिया है। वहीं डॉ. अनीस बेग ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, अगर पंजीकरण रद्द हो गया होता तो बीच शहर में अस्पताल चलाना संभव नहीं होता। यह जानकारी भ्रामक और तथ्यहीन है।

बरेली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट

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