फर्जी खरीद घोटाला: ईडी की बड़ी रेड
ईडी का बड़ा एक्शन: असम और दिल्ली में 6 ठिकानों पर छापेमारी, 65 लाख की संदिग्ध संपत्तियाँ जब्त
गुवाहाटी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए 18 नवंबर 2025 को असम के गुवाहाटी, कोकराझार, तेजपुर और नई दिल्ली में कुल 6 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। यह छापेमारी ऋषिराज कौंडिन्य, बीजू दास, मुकेश जैन और उनके सहयोगियों के खिलाफ चल रही जांच का हिस्सा थी।
ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने दीमा हसाओ और मिसिंग स्वायत्त परिषदों के नाम पर फर्जी खरीद आदेश (Fake Purchase Orders) जारी कर करोड़ों की धोखाधड़ी को अंजाम दिया। इन फर्जी ऑर्डरों के आधार पर कंबल, तिरपाल, सूती धागे, सौर उपकरण और कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के सामान की कथित आपूर्ति दिखाई गई, जबकि अधिकांश आपूर्ति डायवर्ट और अनलोड कर दी जाती थी।
छापेमारी में मिली बेहिसाब संपत्ति
तलाशी के दौरान ईडी को बड़ी मात्रा में संदिग्ध संपत्तियाँ मिलीं, जिनमें शामिल हैं—
₹14.5 लाख नकद
₹13.68 लाख बैलेंस वाला बैंक अकाउंट फ्रीज
दो लग्जरी कारें — इनोवा हाइड्रा और फॉर्च्यूनर
₹1.5 लाख का जमीन बिक्री अनुबंध
लगभग ₹65 लाख की संदिग्ध संपत्तियों की पहचान
कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल सबूत
कैसे रची गई करोड़ों की ठगी
ईडी के अनुसार, ऋषिराज कौंडिन्य और उसके साथियों ने मिलकर एक सुनियोजित आपराधिक षड्यंत्र रचा, जिसमें—
फर्जी आपूर्ति आदेश
जाली हस्ताक्षर
जाली चेक
और झूठे भुगतान क्लियरेंस नोट
जैसे सरकारी दस्तावेज तैयार किए गए।
इन फर्जी आदेशों को दिखाकर आपूर्तिकर्ताओं को भारी कमीशन के लालच में फंसाया जाता था। ऑर्डर प्रोसेस कराने के नाम पर उनसे पहले से बड़ा कमीशन वसूला जाता था।
इसके बाद सप्लाई किए गए सामान का भुगतान रोक दिया जाता था। इसी तरीके से आपूर्तिकर्ताओं को 9.86 करोड़ रुपये का घाटा पहुंचाया गया, जबकि आरोपियों ने 2.04 करोड़ रुपये का अवैध कमीशन भी वसूला।
जांच जारी, और संपत्तियों पर गिर सकती है गाज
ईडी फिलहाल अपराध से अर्जित आय की पहचान, संपत्तियों की कुर्की और नुकसान उठाने वाले वास्तविक पीड़ितों को प्रतिपूर्ति के लिए आगे की कानूनी कार्रवाई में जुटी हुई है। विभाग ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में इस घोटाले से जुड़े और भी खुलासे संभव हैं।
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