श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद सोसायटी की 91वीं वार्षिक आम बैठक की अध्यक्षता की

श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद सोसायटी की 91वीं वार्षिक आम बैठक की अध्यक्षता की

सहकारी खेती को बढ़ावा देने के लिए दस हजार नए किसान उत्पादक संगठन जल्द ही पंजीकृत होंगे: श्री तोमर

श्री पीयूष गोयल ने विभिन्न कृषि अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के बीच तालमेल का आह्वान किया

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सहकारी खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार जल्द ही दस हजार नए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का पंजीकरण करेगी। आज यहां भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) सोसाइटी की 91वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक एफपीओ को बुवाई, कटाई से लेकर वितरण और विपणन तक खेती से संबंधित सभी गतिविधियों के लिए 15 लाख रुपये की राशि प्रदान करने के लिए बजटीय प्रावधान किया गया है।

श्री तोमर जो आईसीएआर सोसाइटी के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के तहत मिशन मोड के अंतर्गत 53 करोड़ मवेशियों और बकरियों का टीकाकरण करने के लिए एक महत्वाकांक्षी राष्ट्रव्यापी योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मत्स्य पालन, निर्यात और दुग्ध उत्पादन को दोगुना करने के लिए भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

कृषि मंत्री ने सरकारी योजनाओं के व्यापक प्रसार का भी आह्वान किया ताकि किसानों के बीच लाभ सबसे निचले स्तर पर पहुंच जाए। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत ऐसी आशंकाएं थीं कि बीमा कंपनियों ने किसानों से अधिक लाभ प्राप्त किया, इसके अलावा निरीक्षण के दौरान निचले स्तर पर भ्रष्टाचार की खबरें भी थीं। उन्होंने कहा कि इस तरह की चिंताओं को दूर करने के लिए फसल बीमा योजना को अब स्वैच्छिक रूप से बदल दिया गया है और उसका प्रीमियम भी समान रहेगा,1.5 से 2 प्रतिशत के बीच। श्री तोमर ने कहा कि पीएमएफबीवाई फसल कवर का लाभ उठाने वाले 58 प्रतिशत वो किसान थे जिन्होंने फसल ऋण लिया था। उन्होंने कहा कि हालांकि तथ्य यह है कि बीमा कंपनियों द्वारा एकत्र किए गए कुल 13,000 करोड़ रुपये के प्रीमियम के मुकाबले किसानों को कुल 58,000 करोड़ रुपये का बीमा लाभ दिया गया है।

श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई शीर्ष प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में कृषि एक क्षेत्र है। कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करना, खेती को एक लाभदायक उद्यम बनाना और किसानों तथा ग्रामीण आय को बढ़ाना चुनौती है। श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है।

इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आईसीएआर, सीएसआईआर और डीआरडीओ के तहत विभिन्न अनुसंधान और विकास संस्थानों, विश्वविद्यालयों और शिक्षाविदों, सार्वजनिक उपक्रमों और उद्योग के बीच तालमेल बनाने का आह्वान किया ताकि उनमें से प्रत्येक द्वारा किए जा रहे भारी निवेश से बड़ा लाभ मिल सके। श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत को पांच वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है, और साथ ही जोड़ा कि इस लक्ष्य को हासिल करने में कृषि उत्पादन और उत्पादकता बड़े कारक होंगे। उन्होंने कहा कि कृषि में अधिक अनुसंधान और विकास(आरएंडडी), कृषि ऋण की समय पर उपलब्धता, मशीनीकृत खेती और स्वचालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण होगा।

श्री गोयल ने कृषि वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि जब हमारी कृषि प्रकृति की अनिश्चितताओं से मुक्त हो जाए तो फिर वे एक मंच की दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में किसान रेल की घोषणा की गई है और फ्रोजन कंटेनरों वाली ये ट्रेन कृषि उत्पादों के परिवहन और विपणन में एक बड़ा कदम साबित होगी।

सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और योजना राज्यमंत्री (स्वंतत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह ने आरएंडडी के दोहराव से बचने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए उन्होंने ऐसी फसलें विकसित करने का आह्वान किया जो कम पानी में विकसित हो सकें।

सभा को संबोधित करते हुए कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने लक्षित कृषि सब्सिडी और ग्रामीण योजनाओं के लिए डिजिटलीकरण को बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने आईसीएआर आरएंडडी एक्सटेंशन कार्यक्रम के साथ पीपीपी मॉडल को बढ़ाने पर भी बल दिया। श्री रूपाला ने कहा कि वास्तविक आरएंडडी में अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है क्योंकि आईसीएआर बजट का कम से कम 70 प्रतिशत हिस्सा वेतन और भत्ते देने में जाता है।

किसानों की आय बढ़ाने के लिए अधिक खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों का आह्वान करते हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री श्री प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा कि कृषि प्रयोगशालाओं को छात्रों और किसानों सहित सभी संबंधित लोगों की भागीदारी के साथ जन संपत्ति बनाया जाना चाहिए।

भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र की भूमिका को रेखांकित करते हुए कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री श्री कैलाश चौधरी ने किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य को पूरा करने के लिए ठोस प्रयास उठाने का आह्वान किया।

कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (डीएआरई) के सचिव और आईसीएआर महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने इस संगठन की गतिविधियों के बारे में संक्षेप में बताया। पिछले एक वर्ष में नई फसलों की 229 किस्में जारी की गई हैं जिनमें 189 जलवायु के प्रति अनुकूल फसलें शामिल हैं।

इस अवसर पर श्री तोमर और अन्य गणमान्य लोगों ने आईसीएआर प्रकाशन और आईसीएआर द्वारा विकसित विभिन्न किट और मोबाइल एप भी जारी किए।

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