इंदिरा नूई की नई पारी, ICC की पहली स्वतंत्र महिला निदेशक बनी
इंदिरा नूई एक ऐसी शख्सियत हैं जो किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। वो पेप्सीको. की चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) हैं। उन्होंने (इंदिरा) अपने दम पर पुरूष प्रधान समाज और दुनिया में अपनी वो जगह बनाई है, जहां तक पहुंचने के लोग सपने ही देख पाते हैं। वो दुनिया की सबसे ताकतवर और सफल बिजनेस वुमन्स में से एक हैं ।
महिला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने इंदिरा नुई की पहचान और कार्यक्षमता को देखते हुए, बोर्ड का स्वतंत्र महिला निदेशक नियुक्त करने का फैसला किया है। आईसीसी ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि बोर्ड अपनी एक बैठक करेगा। जिसमें इस पद के लिए उनके नाम की आधिकारिक पुष्टि की जाएगी और फिर वह इस वर्ष जून में बोर्ड से जुड़ेंगी। महिला स्वतंत्र निदेशक बनाने की पहल पिछले साल की गई थी। इसके बाद आईसीसी के संविधान में व्यापक स्तर पर बदलाव किया गया।
22 से अधिक ब्रांडों की प्रमुख हैं नुई
इस बदलाव का उद्देश्य इस संस्था के कामकाज को ज्यादा लोकतांत्रिक बनाना था। नुई को बिजनेस की दुनिया का एक प्रभावी शख्स के साथ साथ विश्व की सबसे ताकतवर महिलाओं में से एक माना जाता है। वह 22 से अधिक ब्रांडों की प्रमुख हैं। इस अवसर पर आईसीसी अध्यक्ष शशांक मनोहर ने कहा कि एक और स्वतंत्र निदेशक और वह भी महिला को नियुक्त करना प्रणाली संचालन को बेहतर बनाने की दिशा में अहम कदम है। मौजूदा समय में वह बिजनेस की दुनिया का एक प्रभावी व्यकित्व हैं। भविष्य में हम उनके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्साहित हैं।
नुई को पसंद है क्रिकेट
नुई ने अपनी नई पारी(जिम्मेदारी) को लेकर कहा कि उन्हें क्रिकेट बहुत पसंद है। वह बचपन में क्रिकेट खेलती थी। कॉलेज में भी मैंने क्रिकेट खेला और आज भी मैं समय मिलने पर यह खेल का लुफ्त उठाती हूं। यह खेल उनको टीम के साथ मिलकर काम करने का जज्बा देता है। इस पद के लिए पहली महिला के रूप में चुना जाना उनके लिए सम्मान की बात है। बोर्ड में अपने साथियों के साथ मिलकर काम करने को लेकर मैं उत्साहित हूं। नुई का कार्यकाल 2 साल के लिए होगा और वह फिर अगले दो साल के लिए इस पर चुनी जा सकती हैं। वह लगातार छह सालों तक इस पद पर बनी रह सकती है।