चारा घोटाला: दुमका मामले में लालू यादव को कोर्ट ने माना दोषी, जगन्नाथ मिश्र को किया बरी

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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमों लालू यादव को आज रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने
एक और जोरदार झटका दिया। चारा घोटाले के चौथे दुमका कोषागार मामले में रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने लालू यादव के साथ अन्य 18 आरोपियों को भी दोषी माना है, तो वहीं बिहार के एक और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को इस मामले से कोर्ट ने बरी कर दिया है। इसके साथ ही 12 आरोपियो को भी कोर्ट ने बरी कर दिया हैं। हालांकि लालू सहित सभी 19 दोषियों को कितनी सजा दी जाएगी, इसपर 21, 22 और 23 मार्च को बहस होगी. लालू यादव और जगन्नाथ मिश्र तथा अन्य पहले से ही चारा घोटाला के तीन मामलों में दोषी ठहराये जाने के बाद से बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं.

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क्या है दुमका कोषागार मामला
गौरतलब है कि तत्कालीन बिहार (अब झारखंड) के दुमका कोषागार से करीब 3.76 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में दर्ज मुकदमा नंबर आरसी 38ए/96 में लालू प्रसाद यादव, डॉ. जगन्नाथ मिश्र, पूर्व सांसद डॉ. आरके राणा व जगदीश शर्मा सहित कुल 31 आरोपी हैं। इस मामले में लालू प्रसाद यादव सहित अन्य पर धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज है। इस मामले में सीबीआइ कोर्ट ने पांच मार्च को सुनवाई पूरी की थी।

लालू यादव पर ये हैं आरोप
इस मामले में लालू यादव पर 96 फर्जी वाउचर के जरिए दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3.76 करोड़ की अवैध निकासी का आरोप है। ये पैसे जानवरों के खाने के सामान, दवाओं और कृषि उपकरण के वितरण के नाम पर निकाले गए थे। उस दौरान पैसे के आवंटन की सीमा अधिकतम एक लाख 50 हजार ही थी। जब यह निकासी हुई थी लालू उस समय मुख्यमंत्री थे। काननू विशेषज्ञों की राय में लालू पर जिन धाराओं में आरोप लगे हैं, अगर दोष सिद्ध हो गया तो उन्हें 10 साल की सजा हो सकती है।

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तीन मामलों में हो चुकी सजा
आपको बता दें कि लालू यादव चारा घोटाले में दर्ज मामलों में अबतक तीन में दोषी ठहराए जा चुके हैं। लालू को चाईबासा कोषागार के दो मामलों में पांच-पांच साल तथा देवघर कोषागार मामले में साढ़े तीन साल की सजा मिल चुकी है। दुमका कोषागार में घोटाला मामले में सजा का एलान आज होना था। डोरंडा कोषागार से जुड़ा चारा घोटाले का पांचवा मामला सबसे बड़ा है, जिसमें करीब 139.35 करोड़ की अवैध निकासी का आरोप है।

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