Breaking News : इटली का भविष्य खतरे में है। यह बात हम नहीं बल्कि खुद देश के प्रधानमंत्री सेरजियो मात्तारेला ने घटती जनसंख्या पर चिंता करते हुए कही

इटली का भविष्य खतरे में है। यह बात हम नहीं बल्कि खुद देश के प्रधानमंत्री सेरजियो मात्तारेला ने घटती जनसंख्या पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है। कोलंबस और गैलीलियो का देश इटली लगातार कम होती जन्म दर के संकट से जूझ रहा है। लगातार पांचवें साल 2019 में इटली में जन्मदर मृत्युदर से कम रही है।
इटली की राष्ट्रीय सांख्यिकी एजेंसी आईस्टेट के अनुसार 2019 में 4,35,000 लाख बच्चों ने जन्म लिया लेकिन मरने वालों की संख्या 6,47,000 लाख रही। वहीं 2018 की में 4,35,500 बच्चों ने जन्म लिया और मरने वाले लोगों की संख्या 7,61,000 थी। यानी 2018 के मुकाबले 2019 में 5 हजार कम बच्चों ने जन्म लिया वहीं मरने वालों की संख्या 14 हजार ज्यादा रही।

इटली में पैदा होने वाले लोगों की संख्या मरने वालों की तुलना में 2.12 लाख कम रही। आंकड़ों के अनुसार पहले विश्व युद्ध के दौरान 1918 के बाद यह पहला मौका है जब इटली में जन्मदर में इस तरह की गिरावट दर्ज की गई है। इटली में आबादी का संकट अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी चिंताजनक है। यहां बुजुर्गों तेजी से बढ़ रही है जिसके कारण कार्यबल में गिरावट आ रही है।

वर्तमान में इटली की आबादी केवल 6.3 करोड़ रह गई है। जन्मदर कम होने के अलावा पलायन भी देश के लिए बड़ा संकट बनकर उभरा है। हालांकि प्रवासी नागरिकों की वजह से इटली की आबादी में संतुलन बनाने में कुछ मदद जरूर मिली है। बता दें कि इटली की तरह ही कई अन्य यूरोपीय देश भी इस तरह के संकट का सामना कर रहे हैं। खासतौर से जर्मनी में भी मूल निवासियों की जन्मदर में कमी दर्ज की जा रही है।

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