एंटी करप्शन टीम ने प्रकोष्ठ बाबू प्रेम पाल गंगवार को प्रधान से 25 हजार रिश्वत लेते किया गिरफ्तार

पीएम मोदी ने नारा दिया था न खाऊँगा और न खाने दूंगा, 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन पीएम मोदी ने देश को ओडीएफ घोसित किया।

यानी अब देश में सब जगह शौचालय बन गए है लेकिन बरेली में यही शौचालय भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गए है। यहां ग्राम प्रधानों को शौचालय की जांच के नाम पर हड़काकर उनसे मोटी रकम अफसर रिस्वत में ले रहे है। ऐसे ही एक रिस्वतखोर बाबू को एंटीकरप्शन टीम ने 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। क्या है पूरा मामला जानते है इस रिपोर्ट में।

वीओ1- बरेली के बारादरी थाने में एंटीकरप्शन टीम की गिरफ्त में खड़ा यही वो बाबू प्रेम पाल है जिसने एक ग्राम प्रधान से 50 हजार रुपये की रिस्वत मांगी थी। ग्राम प्रधान मुनीश पाल ने बताया की डीपीआरओ ऑफिस में तैनात बाबू ने उनसे शौचालय की जांच के नाम पर 50 हजार रुपये की रिस्वत मांगी थी। जिसके बाद उन्होंने इस मामले की शिकायत एंटीकरप्शन से की और आज 25 हजार रुपये की रिस्वत देते हुए विकास भवन के डीपीआरओ ऑफिस में तैनात बाबू प्रेम पाल को रंगे हाथो गिरफ्तार कर लिया।

बाइट- मुनीश पाल, ग्राम प्रधान शिकायतकर्ता

बाइट- नरेश चन्द्र शर्मा, इंस्पेक्टर एंटीकरप्शन

वीओ2- वही इस मामले में विकास भवन के डीपीआरओ ऑफिस में तैनात बाबू प्रेम पाल का कहना है की उन्होंने किसी से भी रिस्वत नही ली है। उनके ऑफिस में तो सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए है। उनके पास जो रुपये मिले है वो उनके ही है और वो अपने भतीजे के लिए शॉपिंग करने के लिए रुपये घर से लेकर आये थे।

बाइट- प्रेम पाल, आरोपी बाबू

फ़वीओ- गौरतलब है की कुछ दिनों पहले ही एंटीकरप्शन ने रोडवेज के बाबु को भी रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों अरेस्ट किया था। इससे साफ है की योगिराज में भी भ्रष्टाचार में कोई कमी नही आई है।

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