स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही का मामला आया सामने, एक साल पहले हुई वजीर की कोरोना से मौत अब कैसे आ गई कोरोना पोजिटिव रिपोर्ट

तो क्या कब्र में की गई थी कोरोना की दोबारा जाँच

बरेली : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में कोरोना संक्रमण से पहली मौत का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है अब मृतक की पत्नी ने सीएमओ कार्यालय पहुंचकर कहा उसके पति की 1 साल पहले मौत हो गई थी तो अब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कब्र के अंदर से कैसे कोरोना जांच कर दी।

मृतक की पत्नी ने खुशनुमा ने बरेली सीएमओ से मामले की शिकायत बुधवार को लिखित में खुशनुमा ने शिकायत की।

खुशनुमा ने जानकारी देते हुए बताया कि जब सीएमओ डॉ एसके गर्ग से बात करने के लिए उनके पास गए तो उन्होंने कोई भी उचित जवाब नहीं दिया उन्होंने कहा कि आप बतमीजी से बात ना करें , अभद्र तरीके से स्वयं बात करने लग गए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बरदारी थाना क्षेत्र के हजियापुर खजूर वाली मस्जिद की रहने वाली है वजीर नामक व्यक्ति की कोरोना के चलते मौत की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की थी लेकिन पति के मौत के बाद सदमे में हुई पत्नी खुशनुमा ने स्वास्थ्य विभाग पर कई आरोप लगाए उसने कहा कि उसके पति की मौत पूर्णा से नहीं हुई हालांकि इसको लेकर वह शुरू से ही अपने पति की मौत सामान्य मौत बता रही थी इतना ही नहीं उसने स्वास्थ्य विभाग अपने पति की मौत का टुकड़ा फोड़ दिया इतना ही नहीं उसने कहा कि उसके पति की राम मूर्ति मेडिकल कॉलेज 29 अप्रैल 2020 को उसके पति की मौत होगी है।

लेकिन इस बीच बरेली के स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है वजीर के मामले में एक बार फिर नया मोड़ आया है स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही आई है स्वास्थ्य विभाग में एक बार फिर वजीर की मौत को कब्र से निकालकर उसका सैंपल लिया है यह हम नहीं कह रहा यह बुधवार को जिला अस्पताल में पहुंची पुस्तक वजीर की पत्नी खुशनुमा ने कहा है
एक साल बाद अब दोबारा रिपोर्ट उसकी पॉजिटिव बता दी गई है जो कि रिपोर्ट 27 अप्रैल 2021 को आई है वजीर की पत्नी का कहना है कि कब्र में दफन उसके पति की कब्र के अंदर से कोरोना की जाँच कैसे कर ली गई है ।

बारादरी थाना क्षेत्र के हजियापुर का यह पूरा मामला है यहां के रहने वाले बसी नामक व्यक्ति की 29 अप्रैल को कोरोना से जिले में पहली मौत हुई थी जिसके बाद बरेली जिले में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था और इतना ही नहीं स्वास्थ विभाग और स्थानीय प्रशासन ने शव को शवगृह में रखवाकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी थी हजियापुर के रहने वाले वजीर नमक 35 वर्षीय युवक ने बीते 25 अप्रैल को ही जांच कराई गईं थी, जिसके बाद 27 अप्रैल को उसमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। वह पहले से ही मधुमेह का मरीज था और उसे सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी।

हालांकि इस मामले में मृतक वजीर की पत्नी लगातार स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगा रही थी तो एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग पर मृतक की पत्नी बशीर ने सवालिया निशान खड़ा किया है।

इस मामले में पहले से ही स्वास्थ्य विभाग के सामने चुनौती है लेकिन एक बार फिर मृतक की पत्नी नेकहा की पति की मौत के बाद उसके परिवार बिखर सा गया है और इतना ही नहीं को मृतक की पत्नी लगातार अपने पति की मौत का कारण पूछ रही है उसने आरटीआई दाखिल की लेकिन उससे काफी समय बीत जाने के बाद भी भी उसे जवाब नहीं मिला है किसी की मौत एक पहेली बन के रह गई है पति लगातार सूचना के अधिकार के तहत उसने जवाब मांगा लेकिन कई बार उसने जवाब दाखिल की लेकिन उसे संतुष्ट जवाब आज तक नहीं मिला है यही वजह है कि लगातार स्वास्थ्य विभाग पर वजीर की पत्नी गंभीर आरोप लगाती रही है और वहीं स्वास्थ्य भाग ना तो आज तक उसकी पति की मौत का जवाब दे पाया और ना ही मौत का कारण पता पाया अब देखने वाली बात यह होगी कि बशीर की मौत का राज कब तक स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन उठा पाता है या नही , लेकिन कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया।

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