UPSTF : भर्ती कर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह के 03 सदस्य भारतीय सेना के कर्मचारी सहित गिरफ्तार।
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UPSTF-प्रेस नोट सं0-204, दिनांक 04-08-2023
सेना, न्यायालय, वन विभाग, सिचाई विभाग, सचिवालय, रेलवे, इनकम टैक्स आदि विभागों में उच्चाधिकारी बताकर हजारों बेरोजगार युवकों को गुमराह कर देश व प्रदेश मे फर्जी भर्ती कर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह के 03 सदस्य भारतीय सेना के कर्मचारी सहित गिरफ्तार।
दिनांक 04-08-2023 को एस0टी0एफ0 उ0प्र0 व मिलिट्री इन्टेलीजेन्स लखनऊ की संयुक्त कार्यवाही में सेना, न्यायालय, वन विभाग, सिचाई विभाग, सचिवालय, रेलवे, इनकम टैक्स आदि विभागों में उच्चाधिकारी बताकर हजारों बेरोजगार युवकों को गुमराह कर देश व प्रदेश मे फर्जी भर्ती करने व कूटरचित नियुक्ति पत्र/ट्रान्सफर लेटर के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले भारतीय सेना के कर्मचारी सहित 03 सदस्यों को गिरफ्तार करने मे उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई ।
गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरणः 1- विजेन्द्र प्रभाकर पुत्र महेन्द्र प्रताप निवासी मूल पता-मीरपुर प्रतापपु,र पोस्ट बिलवई, तहसील कादीपुर, जनपद सुल्तानपुर। हालपता- 82 बी, बी0जी0 रेलवे कालोनी तालकटोरा मार्ग आलमबाग, लखनऊ । 2- अजय कुमार तिवारी पुत्र शारदा प्रसाद तिवारी निवासी पुरे पिताम्बर पांण्डेय का पुरवा, अमेठी। (भारतीय सेना में ट्रेडमैन कुक) 3- चन्द्र सेन पुत्र भीम सेन निवासी ग्राम निसैइया, पोस्ट बांसखेडा, अमरिया पीलीभीत उ0प्र0।
गिरफ्तारी का स्थान व समयः- दिनांकः- 03-07-2023 समयः-21रू05 बजे, स्थानः- मकान नम्बर 504 संस्तुति संस्कृति अपार्टमेंट अर्जुनगंज थाना सुशांत गोल्फ सिटी कमिश्नरेट लखनऊ।
विगत काफी दिनों से राजधानी लखनऊ में सेना, न्यायालय, वन विभाग, सिचाई विभाग, सचिवालय, रेलवे, इनकम टैक्स सहित विभिन्न विभागों में फर्जी भर्ती कर बड़ी मात्रा में धनार्जन करने की सूचना प्राप्त हो रही थी।
इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाइयों/टीमों को अभिसूचना संकलन कर कार्यवाही हेतु निर्देषित किया गया था। जिसके क्रम में श्री अमित कुमार नागर, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, लखनऊ के पर्यवेक्षण में एसटीएफ मुख्यालय की टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी।
अभियुक्त चन्द्र सेन ने पूछने पर बताया कि मेरा सम्पर्क अमित कुमार उर्फ अभिषेक निवासी फतेहपुर से हुआ उसने मुझे बताया कि मंै तुम्हारी नौकरी आई0टी0आई0 कालेज पीलीभीत में लगवा दंूगा। तब मंैने 02 लाख रुपये नगद दिये थे। उसके बाद मुझे एक ज्वाइनिंग लेटर दिया गया। जिसे लेकर मैं आई0टी0आई कालेज पीलीभीत में गया तब जाकर मुझे पता चला कि यह सब काम फर्जी चल रहा है। जब मैंने अपना पैसा अमित से वापस मांगा तब उसने कहा कि तुम मेरे व मेरे साथियों का साथ दो, हम तुम्हारा पैसा भी वापस करा देंगे और तुमको अलग से फायदा भी करवायेगें। साहब मैं लालच मे आ गया। इन लोगों की बात सुनकर व अपना डूबा पैसा निकालने के लिये मैं इनके गिरोह मे शामिल हो गया। गिरोह मे मेरा काम बेरोजगार युवकों से सम्पर्क कर उनको धोखेधडी करने के लिये अपने गिरोह से मिलवाकर रूपये वसूली करना था।
अभियुक्त अजय कुमार तिवारी ने बताया कि सेना में मैंने 30 जनवरी 2005 को ट्रेड मैन कुक के पद पर भर्ती हुआ। 13 साल नौकरी करने के बाद बिना छुट्टी के घर चला आया। उसके बाद 7 साल नौकरी करने नहीं गया। इसी दौरान मेरी मुलाकात अभिषेक सिंह, विजेन्द्र प्रभाकर व चन्द्रसेन आदि लोगों से हुई जो लोग फर्जी भर्ती के नाम पर बेरोजगार युवकों से पैसे की ठगी कर रहे थे। मंै भी इनके इस काम मे साथ लग गया। हमारे द्वारा बेरोजगार लडके एवं लडकियों से चार से पांच लाख रूपये की मोटी रकम सरकारी विभाग मे स्थायी नौकरी दिलाने हेतु झांसे में लेकर विभिन्न विभागों में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर भेजा जाता था तथा वहां संविदा पर काम करने वाले प्राइवेट कम्पनियों से बात कर संविदा पर काम दिलवा दिया जाता था।
जबकि इनको यह भरोसा दिलाया जाता था कि तुम्हारी नियुक्त विभाग में स्थायी है तथा उनको कुछ दिन तक सैलरी सम्बन्धित विभाग के स्थायी कर्मचारीयों की भांति ही इनके खातों मे इनसे ठगे हुए पैसो में से ही कुछ दिन के लिये दे दी जाती थी। जिस पर इनके अन्य बेरोजगार साथी विश्वास कर और बडी संख्या में अपनी नौकरी लगवाने के लिये पैसा बिना सन्देह किये दे दिया करते थे। फिर हमारे द्वारा इनकी सैलरी बन्द कर दी जाती थी तथा कई महीनों तक झूठा आश्वासन दिया जाता था कि सैलरी कुछ समय बाद आ जायेगी। जब यह बेरोरोजगार युवक भड़क कर पुलिस मे जाने की धमकी देते थे तो हमारे द्वारा बताया जाता था कि धोखाधडी मे तुम भी शामिल हो पहले तुम ही जेल जाओगे जिस पर ये लोग डर कर फिर पैसा नही मांगते थे।
इसी तर्ज पर मेरे द्वारा नव युवतियों को फर्जी नर्सिंग पीजीआई लखनऊ व अन्य अस्पतालों मे लगवाने का झांसा दिया जा रहा है। केवल मेरे द्वारा लगभग दर्जनों लोगो से भर्ती के नाम पर ठगी की गयी है, जिनमे कुछ के नाम मुझे याद है जैसे -संजीव कुमार प्रयागराज 2,50,000ध्-रूपये, कृष्णा कुमार निवासी बनारस 1,75,000ध्-रूपये, मनोज कुमार निवासी मऊ 80,000ध्-रूपये, अनीता निवासी बलिया 1,80,000ध्-रूपये, सुनीता देवी निवासी बलिया 2,00000ध्-रूपये, सुमेधा निवासी बाराबंकी 3,00000-रूपये, रमेश कुमार निवासी आजमगढ 50,000-रूपये इंद्रजीत निवासी आजमगढ़ 50,000-रूपये भर्ती के नाम पर ठगे गये हैं । मंै अपने स्वयं के खाते मे पैसा न डलवाकर फर्जी खाता सुधाकान्त मिश्रा के नाम पर व फर्जी सिम मोबाइल नम्बर-8453518011, 7800221512 का इस्तेमाल कर बेरोजगार युवकों को नौकरी का झांसा देकर पैसे डलवाता था जिससे मुझ लोग एस0 के0 मिश्रा के नाम से भी जानते थे। वर्ष 2022 में मेने पुनः सेना मे ज्वाइन कर लिया।
गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध थाना सुशांत गोल्फ सिटी, कमिश्नरेट लखनऊ में मु0अ0सं0 402ध्2023 धारा 140ध्170ध्171ध्419ध्420ध्467ध्468ध्471 भादवि पंजीकृत कराया गया है। अग्रिम वैधानिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।
गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन