ऑनलाइन पेमेंट:1 अगस्त से बदल जाएंगे UPI के नियम, अब नहीं कर पाएंगे ये काम
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI)
UPI सिस्टम को अधिक तेज,सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए कुछ नए नियम लागू करने का फैसला किया है। ये नियम खासतौर पर उन कामों को सीमित करेंगे, जो सिस्टम पर अतिरिक्त दबाव डालती हैं। जैसे बार-बार बैलेंस चेक करना या ट्रांजैक्शन स्टेटस को रिफ्रेश करना।
UPI यूजर्स अपने लिंक किए गए बैंक अकाउंट को एक दिन में 25 बार से ज्यादा नहीं देख पाएंगे।
UPI यूजर्स दिन में सिर्फ 50 बार तक ही अपना बैलेंस चेक कर पाएंगे।
पेमेंट ट्रैकिंग के मामले में किसी ट्रांजेक्शन स्टेटस को सिर्फ 3 बार ही चेक कर पाएंगे।
वहीं हर प्रयास के बीच 90 सेकंड का अंतर होना चाहिए।
सिस्टम में क्राउड कम करने के लिए ऑटोपे ट्रांजेक्शन को तय समय स्लॉट के साथ मैनेज किया जाएगा।
आपको बता दें कि NPCI द्वारा यह बदलाव अप्रैल और मई 2025 के बीच हुई देरी और ट्रांजेक्शन फेल होने की शिकायतों में बढ़ोतरी के बाद किया गया है। NPCI ने कहा कि यूजर्स के जरिए बार-बार बैलेंस चेक करने और बार-बार स्टेटस ट्रैकिंग करने के चलते सिस्टम स्लो हो रहा था। अब नए बदलावों और नियमों के साथ ट्रांजेक्शन तेज होंगे और डेली उपयोग पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बदलाव क्यों ?
यूपीआई पेमेंट से संबंधित सुविधाएं क्रैश ना करें। एनपीसीआई ने साफ तौर पर कह दिया है कि बैकों और पेमेंट ऐप्स को यह नियम मानने होंगे। सुनिश्चित करना होगा कि यूजर्स की रिक्वेस्ट को लिमिट किया जाए। अगर बैंकों और यूपीआई ऐप्स ने नियमों का पालन नहीं किया तो उनके खिलाफ एक्शन भी लिया जा सकता है। अभी यह देखा जाना बाकी है कि आम ग्राहकों पर नए नियमों का कितना असर होता है।