उप्र सरकार के एक मंत्री ने विधानसभा में बताया कि काले कृषि क़ानूनों के प्रावधानों के चलते सरकारी मंडियों की आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
यही बात तो किसान कह रहे हैं कि ये क़ानून भाजपा के अरबपति मित्रों की मंडियाँ सजाने और सरकारी मंडी उजाड़ने वाले क़ानून हैं। किसानों की बात सुनकर इन क़ानूनों को रद्द किया जाना चाहिए।