केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने मुंबई के कोलाबा में असम के लिए भूमि आवंटन की घोषणा की
केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने मुंबई के कोलाबा में असम के लिए भूमि आवंटन की घोषणा की; मुंबई बंदरगाह प्राधिकरण 60 साल के लिए लीज पर देगा जमीन
राज्य सरकार विकसित करेगी जन-केंद्रित बुनियादी ढांचा – श्री सर्बानंद सोनोवाल
असम की विकास यात्रा को गति देते हुए केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज घोषणा की कि मुंबई बंदरगाह प्राधिकरण (एमपीए) द्वारा असम सरकार को 60 वर्षों की अवधि के लिए चार बीघा भूमि पट्टे पर आवंटित की गई है।
मुंबई के कोलाबा जैसे प्रमुख स्थान पर मिली यह जमीन राज्य के लिए महत्वपूर्ण सार्वजनिक बुनियादी ढांचा विकसित करने का मार्ग प्रशस्त करेगी जिससे नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा।
यह निर्णय असम के मुख्य सचिव द्वारा केंद्रीय मंत्रालय को भेजे गए अनुरोध के बाद लिया गया है, जिसमें राज्य के लोगों की दीर्घकालिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए एक समर्पित केंद्र अथवा आधारभूत ढाँचा विकसित करने हेतु भूमि आवंटन की मांग की गई थी।
आज की इस घोषणा के साथ, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने एक बार फिर यह प्रतिबद्धता दोहराई है कि असम में स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक कल्याण के क्षेत्रों में जन-केंद्रित परियोजनाओं को लागू करने में सहयोग दिया जाएगा।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा – “यह एक जन-केंद्रित पहल है। 60 वर्षों की लीज़ पर यह भूमि उपलब्ध कराकर हम ऐसा अहम बुनियादी ढाँचा तैयार करने का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं जो आने वाली पीढ़ियों की सेवा करेगा। यह परियोजना असम की जनता की आकांक्षाओं और ज़रूरतों के अनुसार विकसित की जाएगी। मुंबई के केंद्र कोलाबा में स्थित यह भूमि असम के लोगों की उस आकांक्षा को भी पूरा करेगी कि मुंबई जैसे महानगर में उनके पास ऐसा केंद्र हो जहाँ मरीज, छात्र और उद्यमी अपनी ज़रूरतें पूरी कर सकें।”
केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि इस विषय पर उन्होंने असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा से भी व्यक्तिगत रूप से बातचीत की। श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आगे कहा, “मुख्यमंत्री ने गहरी संतुष्टि जताई और भारत सरकार के सहयोग की सराहना की। उन्होंने इसे असम की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण योगदान और हमारे साझा संकल्प में एक मील का पत्थर बताया।”
हालाँकि विशिष्ट विकास योजनाएँ अभी विचाराधीन हैं, अधिकारियों का कहना है कि ध्यान उच्च सार्वजनिक उपयोगिता वाले बुनियादी ढांचे पर होगा- जिसमें स्वास्थ्य सेवाएँ, शैक्षिक ज़रूरतें, सामाजिक सेवा और कल्याण संबंधी सुविधाएँ शामिल होंगी। साथ ही यह केंद्र उद्यमियों के लिए इनक्यूबेशन सेंटर के रूप में भी काम करेगा। 60 वर्षों की लीज़ से सरकार को सतत और दीर्घकालिक परियोजनाएँ योजनाबद्ध और लागू करने का पर्याप्त समय मिलेगा।
इस पहल की दृष्टि पर प्रकाश डालते हुए श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा –“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हमेशा ज़ोर दिया है कि पूर्वोत्तर भारत को अपने लोगों के सशक्तिकरण के ज़रिए विकास का पावरहाउस बनना चाहिए। आज का निर्णय उसी समावेशी और सतत आत्मनिर्भर पूर्वोत्तर की दिशा में एक और कदम है।
मुंबई वित्तीय राजधानी है। इस लैंड पार्सल के विकास के साथ, हमें पूरा विश्वास है कि असम के उद्यमियों को भी ‘मैक्सिमम सिटी’ के अवसरों तक पहुँच मिलेगी।” नई आवंटित भूमि असम की विकास यात्रा में नई ऊर्जा और गति जोड़ते हुए सुनिश्चित करेगी कि इसके लाभ जड़ों तक पहुँचे।
ब्यूरो चीफ, रिजुल अग्रवाल