THEME PAVILIONS ARE CENTER OF ATTRACTIONS AT IFJAS 2018
ग्रेटर नोएडा- 17 जुलाई 2018- ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री राकेश कुमार ने सूचित किया कि 11वें भारतीय फैशन जूलरी एवं एक्सेसरीज शो (आईएफजेएएस) के दौरान ईपीसीएच ने उत्तरी क्षेत्र, सेंट्रल क्षेत्र, पश्चिमी क्षेत्र, पूर्वोत्तर क्षेत्र, पूर्वी क्षेत्र और उत्तराखंड राज्य के शिल्प समूहों (क्लस्टर) को बढ़ावा देने और मार्केटिंग के लिए वहां की फैशन जूलरी एवं एक्सेसरीज पर आधारित थीम पवेलियन स्थापित किए है ताकि इन सेक्टरो के अनोखे डिजाइन, कच्चे माल और उत्पादों की जानकारी दी जा सके.
अवसरों का लाभ उठाने और निर्यात बाजार की सीमा बढ़ाने के साथ-साथ क्षेत्रीय शिल्प समूहों की ब्रैंड बिल्डिंग के लिए ऐसी भागीदारी महत्वपूर्ण हैं, जहां उत्पादकों और शिल्पकारों को इस तरह के मेले में अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है.
श्री राकेश कुमार ने कहा कि सेंट्रल क्षेत्र से पीतल नक्काशी, जूलरी, कंगन (चूड़ी), अंगूठी एवं कान की बाली, ग्लास बीड जूलरी, नेकलेस, ब्रैस्लट, मोतियों से सजे पर्स, पाउच, फैशन बैग्स, कृत्रिम जूलरी, काष्ठ जूलरी, सिल्वर जूलरी इस मेले में प्रदर्शित की जा रही हैं.
पूर्वोत्तर क्षेत्र से बीड्स जूलरी, सिल्क स्टोल एवं ड्रेस मटीरीअल, बांस के जूलरी एवं कलात्मक कपड़े, बैग, आदिवासी (ट्राइबल) जूलरी, कउना (एक प्रकार की बेंत) प्राकृ`तिक फाइबर बैग एवं एक्सेसरीज, बास्केट, हस्तनिर्मित कपड़े, मकई की भूसी से बुनाई और जूलरी बॉक्स.
उत्तरी क्षेत्र कंगन, कान की बाली, नेकलेस, स्टोल, काष्ठ जूलरी, टोपियां, मोजे, बटन कफलिंक, हस्तनिर्मित कलात्मक जूलरी, पारंपरिक सिल्क स्टोल, ब्रैस्लट, लहठी (लाह की चूड़ियां), चमड़े के बैग, फुटवियर, बेल्ट एवं पर्स, बीड्स जूलरी, क्लच बैग्स, फैशन बैग्स, स्कार्फ, शॉल और बोन जूलरी.
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार अन्य क्षेत्रों से भी फैशन जूलरी एवं एक्सेसरीज प्रदर्शित की जा रही हैं.
इन उत्पादों की विशेष प्रदर्शनी न केवल प्रमुख निर्यातकों को इनके निर्यात के अवसर का पता लगाने में समर्थ बनाएगी, बल्कि इस फैशन उद्योग से बुनियादी स्तर पर जुड़े शिल्पकारों/उद्यमियों को भी विदेशी खरीदारों की जरूरतों के मुताबिक बाजार की तकनीक सीखने का अवसर मिलेगा.
आईएफजेएएस एक बीटूबी शो है जहां विदेशी खरीदार, आयातक, खरीद एजेंट्स, थोक व्यापारी इत्यादि. को ही भाग लेने और अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए मौका दिया जाता है. इसलिए, शिल्प समूहों के कारीगरों की ऐसी भागीदारी का उद्देश्य उपरोक्त क्षेत्रों के मौजूदा फैशन उत्पादों को बढ़ावा देना है. This kind of Setting up of थीम पवेलियन, निर्यात की सीमा को बढ़ाना, जागरूकता पैदा करना,इन क्षेत्रों के उत्पादों के निर्यात बाजार में वृद्धि और शिल्प समूहों में रोजगार पैदा करने के दोहरे उद्देश्य की पूर्ति करता है.