शेखपुरा प्रशासन का ‘मंथन-2025’
शेखपुरा: ‘मंथन-2025’ में दिखी प्रशासनिक सुधार की नई राह, DM शेखर आनंद ने दिया नवाचार का मंत्र
रिपोर्ट: सोनू कुमार
शेखपुरा (बिहार)। जिला प्रशासन शेखपुरा की पहल पर सोमवार को गिरहिंडा पहाड़ स्थित सम्राट अशोक सभागार में ‘मंथन-2025’ नामक एक उच्चस्तरीय कार्यशाला का शानदार आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली को आधुनिक बनाना, चुनौतियों से निपटना और भविष्य के लिए एक ठोस नीतिगत ढांचा तैयार करना रहा।
समकालीन चुनौतियों और भविष्य की नीतियों पर संवाद
‘मंथन-2025’ कार्यशाला प्रशासनिक पदाधिकारियों के लिए एक वैचारिक मंच के रूप में उभरी। इसमें शासन की समकालीन चुनौतियों, उभरती प्राथमिकताओं और जनहित से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। प्रशासन का जोर इस बात पर रहा कि कैसे नीति-निर्माण (Policy Making) और जमीनी स्तर पर उसके क्रियान्वयन (Implementation) के बीच के अंतर को कम किया जाए।

DM शेखर आनंद ने किया उद्घाटन: “खुलकर करें चर्चा, फिर करें अमल”
कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन शेखपुरा के जिला पदाधिकारी (DM) श्री शेखर आनंद द्वारा किया गया। अपने संबोधन में उन्होंने पदाधिकारियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि:
“प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के लिए नवाचारी सोच (Innovative Thinking) अनिवार्य है। इस मंच पर सभी पदाधिकारी खुलकर मुद्दों पर चर्चा करें और जो निष्कर्ष निकले, उस पर अगले वर्ष से पूरी तत्परता के साथ कार्य करें।”
मंथन-2025 के मुख्य आकर्षण और विषय
कार्यशाला के दौरान कई महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए, जिनमें विशेषज्ञों ने निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रकाश डाला:
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उत्तरदायी शासन (Responsive Governance): जनता के प्रति प्रशासन की जवाबदेही तय करना।
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ईज ऑफ डूइंग बिजनेस: जिले में व्यापारिक सुगमता और निवेश को बढ़ावा देना।
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शहरी विकास: शहरीकरण की बढ़ती चुनौतियों का समाधान और भविष्य की रूपरेखा।
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इडियेशन एवं इनोवेशन: बेहतर प्रशासन के लिए नए विचारों और तकनीक का समावेश।
इस दौरान विभिन्न जिलों की सफल केस स्टडीज और बेहतरीन प्रशासनिक प्रथाओं (Best Practices) को भी साझा किया गया, ताकि अधिकारी उनसे प्रेरणा ले सकें।
प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने पर विशेष जोर
कार्यशाला का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि शेखपुरा प्रशासन आने वाले समय में अधिक पारदर्शी, संवेदनशील और तकनीक-युक्त बनेगा। अनुभव साझा करने के इस सत्र से निर्णय लेने की क्षमता (Decision Making) में सुधार आने की उम्मीद जताई गई है।
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