शब-ए-बरात-क्यों की जाती है रात भर इबादत !
इस्लामी कैलेंडर के अनुसार ये रात साल में एक बार शाबान महीने की 14 तारीख़ को सूरज डूबने के बाद शुरू होती है !
शब-ए-बरात दो लफ्ज़ो, शब और बरात से मिलकर बना है जहाँ शब का मतलब रात है और बरात का मतलब बरी होना है !
मुसलमानों के लिए ये रात बहुत फ़ज़ीलत की रात मानी जाती है ! इस दिन दुनिया के सारे मुसलमान रात भर इबादत करते हैं और अपने गुनाहो की माफ़ी मांगते हैं ! मस्जिद और क़ब्रिस्तान सजाये जाते हैं ! लोग अपने अज़ीज़ो की क़ब्र पर जाकर उनकी मग़फ़िरत की दुआ करते हैं !
बरेली से मोहम्मद शीराज़ ख़ान की रिपोर्ट !