आज ननौती में आयोजित मानस मंथन में परिचर्चा विषय संस्कार पर विद्वानों ने प्रस्तुत किए विविध विचार

सांगीपुर, प्रतापगढ़। जनपद सांगीपुर की ग्राम पंचायत ननौती (पूरे विजयी) में फौजी जन्त्री प्रसाद पांडेय के निवास पर ग्रामीण क्षेत्र में कई वर्षों से सामाजिक एवं आध्यात्मिक चिंतन के उद्देश्य से संचालित मानस मंथन का कार्यक्रम संपन्न हो गया।
निर्धारित कार्यक्रमानुसार अनेक विद्वान सदस्यों की उपस्थिति में सर्वप्रथम ख्यातिलब्ध कथाव्यास आचार्य पंडित सुभाष चंद्र त्रिपाठी द्वारा दरवाजे पर वृक्षारोपण के क्रम में अमरूद का वृक्ष लगाया गया।

पूर्व घोषित परिचर्चा विषय संस्कार पर बोलते हुए आचार्य त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान माहौल में संस्कार की कमी के कारण समाज में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। उन्होंने आगे कहा कि संस्कारविहीन समाज से राष्ट्र का कल्याण कत्तई संभव नहीं है। उन्होंने बफर सिस्टम भोज को चांडाल भोज की संज्ञा देते हुए कहा कि समाज में संस्कार की स्थापना के लिए सर्वप्रथम इस कुप्रथा पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है।

मानस मंथन के प्रेरणास्रोत शिक्षाविद पंडित भवानी शंकर उपाध्याय ने ‘ओम’ शब्द के महत्व को परिभाषित करते हुए कहा कि संस्कार विषय पर चर्चा करने के लिए अभियान चलाने चलाने की जरूरत है। विविध कार्यक्रमों के माध्यम से विशेषकर महिलाओं और बच्चों को संस्कार के प्रति जागरूक करने के एक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।

शिक्षक विद्वान मनो विश्राम मिश्र ने गर्भाधान से लेकर नामकरण, कर्ण भेद, उपनयन, वेदारंभ,विवाह सहित अंत्येष्टि तक के शास्त्रों में वर्णित सभी 16 संस्कारों पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने उपनयन (यज्ञोपवीत) संस्कार का विशेष महत्व बताते हुए कहा कि यहीं से जीवन के नए अध्याय की शुरुआत होती है।

वरिष्ठ अधिवक्ता परशुराम उपाध्याय सुमन कहा कि संस्कार का अभिप्राय उन धार्मिक कृत्यों से है जो किसी व्यक्ति को अपने संप्रदाय के योग्य सदस्य बनाकर शरीर, मन और मस्तिष्क को पवित्र करने वाला है। उन्होंने मानस मंथन में महिलाओं एवं बच्चों की सहभागिता पर बल दिया।
कार्यक्रम में डॉक्टर हृदय पाल सिंह, जंत्री प्रसाद पांडेय,यज्ञ नारायण सिंह, शंकरलाल मोदनवाल, अर्जुन सिंह, आत्मप्रकाश उपाध्याय, महावीर सिंह, कृष्ण नारायण लाल श्रीवास्तव आदि ने भी अपने विचार रखा। विद्वान अर्जुन सिंह ने मानस मंथन के कार्यक्रमों के विगत 10 वर्षों की प्रगति समीक्षा प्रस्तुत किया।
अन्त ने मानस मंथन के समर्पित सदस्य रहे कोरोना संक्रमण काल में कालकवलित स्मृतिशेष हरि बहादुर सिंह एवं स्मृतिशेष शिवदत्त सिंह दरोगा जी के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर गत आत्माओं की शांति हेतु प्रार्थना किया

 

 

प्रतापगढ़ से आदर्श उपाध्याय (अत्रि कुमार पाठक ) की रिपोर्ट !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: