सर्राफ घोटाला: Bank को ₹275 Cr की वसूली
💰 ₹312 करोड़ की धोखाधड़ी: ED ने इंडियन बैंक को ₹40 करोड़ की और संपत्ति लौटाई, सरवाना स्टोर्स मामले में कुल ₹275 करोड़ की बहाली
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जाँच के बाद इंडियन बैंक को बड़ी वित्तीय राहत दी है। मेसर्स सरवाना स्टोर्स (गोल्ड पैलेस) और उसके साझेदारों के खिलाफ चल रही जाँच के दौरान जब्त की गई ₹40 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियों को इंडियन बैंक को वापस कर दिया गया है।
PMLA, 2002 की धारा 8(8) के तहत यह कार्रवाई माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर हुई है। इससे पहले, 17 फरवरी 2025 को विशेष न्यायालय के आदेश पर ₹235 करोड़ रुपये की तीन संपत्तियां लौटाई जा चुकी थीं। इस मामले में बैंक को वापस की गई संपत्तियों का कुल मूल्य अब ₹275 करोड़ रुपये हो गया है।
🏦 क्या था पूरा मामला? ₹312.13 करोड़ का नुकसान
ED ने यह जाँच सीबीआई द्वारा इंडियन बैंक की शिकायत पर दर्ज एफआईआर (FIR) के आधार पर शुरू की थी, जिसमें धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे।
घोटाले का विवरण:
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धोखाधड़ी से ऋण: मेसर्स सरवाना स्टोर्स (गोल्ड पैलेस) के साझेदारों ने कथित तौर पर धोखाधड़ी करके इंडियन बैंक से ₹240 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा प्राप्त की।
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फंड का दुरुपयोग: उन्होंने इस धन का दुरुपयोग अनधिकृत उद्देश्यों के लिए किया, झूठे और बढ़ा-चढ़ाकर स्टॉक विवरण प्रस्तुत किए, कार्यशील पूंजी सीमा का दुरुपयोग किया, धन को व्यक्तिगत खातों में स्थानांतरित किया, और बैंक को सूचित किए बिना गिरवी रखे स्टॉक को हटा दिया।
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NPA और धोखाधड़ी: यह ऋण खाता 07 जुलाई 2019 को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) बन गया, जिसे बाद में धोखाधड़ी (Fraud) और जानबूझकर चूक (Willful Default) के रूप में वर्गीकृत किया गया।
इस धोखाधड़ी के कारण इंडियन बैंक को ₹312.13 करोड़ रुपये का गलत नुकसान हुआ था।
🔍 ED की कार्रवाई और कुर्की
PMLA जाँच के दौरान यह पाया गया कि आरोपियों ने बैंक निधि का दुरुपयोग और गबन एक सुनियोजित तरीके से किया था।
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ED ने दो अस्थायी कुर्की आदेशों के माध्यम से ₹274.76 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क किया। इन कुर्कियों की पुष्टि क्रमशः 24.01.2023 और 27.10.2023 को निर्णायक प्राधिकारण ने की थी।
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इसके बाद, ED ने 18.01.2024 को माननीय विशेष न्यायालय (PMLA) के समक्ष अभियोजन शिकायत दर्ज की।
🏛️ विशेष न्यायालय और उच्च न्यायालय का फैसला
पीड़ित इंडियन बैंक ने PMLA की धारा 8(8) के तहत कुर्क की गई संपत्तियों की बहाली की मांग की थी।
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विशेष न्यायालय का आदेश: ED की सहमति के बाद, माननीय विशेष न्यायालय ने दिनांक 17.02.2025 को ₹235 करोड़ रुपये मूल्य की तीन संपत्तियों को बहाल करने का आदेश दिया।
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उच्च न्यायालय का आदेश: बाद में, इंडियन बैंक ने उच्च न्यायालय के समक्ष शेष ₹40 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों की मांग की। ED ने जनहित और बैंक के भारी नुकसान को ध्यान में रखते हुए इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई। माननीय उच्च न्यायालय ने दिनांक 23.10.2025 के आदेश द्वारा इन ₹40 करोड़ रुपये की संपत्तियों को भी इंडियन बैंक को वापस करने का निर्देश दिया।
यह कार्रवाई दर्शाती है कि प्रवर्तन निदेशालय और न्यायपालिका मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के मामलों में पीड़ित वित्तीय संस्थानों को उनका नुकसान जल्द से जल्द वापस मिल सके।
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