शराब, रफ्तार, हेलमेट: दुर्घटना का कारण
🛑 मौत का हाईवे! मंडल में बाइक दुर्घटनाओं से सबसे अधिक मौतें, ‘ओवरस्पीड’ और ‘शराब’ मुख्य कारण
📊 चौंकाने वाले आंकड़े: बरेली, बदायूं, पीलीभीत और शाहजहांपुर में लापरवाही ने छीनी सैकड़ों जानें। नो हेलमेट, नो पेट्रोल जैसे प्रयास भी फेल!
बरेली मंडल: सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लगातार चेकिंग और जागरूकता अभियान चलाने के बावजूद, मंडल में बाइकों की टक्कर से सबसे अधिक लोगों की जान जा रही है। पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा किए गए संयुक्त निष्कर्ष में सामने आया है कि सड़क दुर्घटनाओं के तीन सबसे बड़े कारण हैं: शराब पीकर ओवरस्पीडिंग, ओवरटेकिंग, और बिना हेलमेट के बाइक चलाना।
🏍️ दुर्घटनाओं के मुख्य कारण (जनवरी से अक्टूबर)
मंडल में हुई सड़क दुर्घटनाओं के विश्लेषण में दुर्घटनाओं के लिए ये कारक सामने आए हैं:
-
शराब का सेवन: नशे में सोचने की शक्ति कम होने से नियंत्रण खोने का खतरा।
-
ओवरस्पीडिंग/ओवरटेकिंग: तेज गति से बाइक चलाना और नियमों का उल्लंघन करना।
-
बिना हेलमेट: सिर में गंभीर चोट लगने का सीधा खतरा।
-
खराब सड़कें और यातायात नियमों का उल्लंघन।
📉 बरेली में मौत के आंकड़े
बरेली जिले में, बाइक से संबंधित दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौतें हुई हैं:
| प्रकार | मृतकों की संख्या | घायलों की संख्या |
| बाइक की टक्कर (आपस में) | 34 | 78 |
| बाइक और कार की टक्कर | 33 | 69 |
| बाइक और ट्रक की टक्कर | 28 | 56 |
नेशनल हाईवे (NH) पर 128 दुर्घटनाओं में 89 लोगों की जान गई।
🚨 संवेदनशील जिले: बदायूं और पीलीभीत
मंडल में कुछ जिले विशेष रूप से संवेदनशील पाए गए हैं, जहां लापरवाही का स्तर बेहद चिंताजनक है:
बदायूं जिले की स्थिति
-
बाइक दुर्घटनाएं: 89 दुर्घटनाओं में 55 लोगों की जान गई।
-
कार और बाइक टक्कर: 97 दुर्घटनाओं में 72 लोगों की मौत हुई।
-
राजमार्ग: सबसे अधिक 276 दुर्घटनाएं राजमार्ग पर हुईं, जिनमें 185 लोगों की मौत हुई।
पीलीभीत जिले की स्थिति
-
यह जिला सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा संवेदनशील है।
-
ओवरस्पीडिंग: 374 दुर्घटनाएं ओवरस्पीड के कारण हुईं।
-
नेशनल हाईवे (NH): 254 दुर्घटनाओं में 152 लोगों की मौत हुई। NH पर डिवाइडर न होना भी एक मुख्य कारण माना गया है।
👮 पुलिस की सख्त कार्रवाई
सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने और यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और परिवहन विभाग लगातार कार्रवाई कर रहे हैं:
-
बिना हेलमेट चालान: 4,76,489 बाइक सवारों का चालान किया गया है।
-
बिना सीट बेल्ट चालान: 9,748 कार चालकों का चालान किया गया है।
-
ओवरलोडिंग: 6,429 वाहनों का चालान किया गया।
-
सुधारात्मक उपाय: गन्ना लदी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और ट्रकों पर रिफ्लेक्टर लगवाने की प्रक्रिया चल रही है, और सड़क सुरक्षा मित्र बनाने का प्रयास भी किया जा रहा है।
निष्कर्ष: विशेषज्ञों का कहना है कि संतुलित गति बनाए रखने और यातायात नियमों का कठोरता से पालन करके ही असमय हो रही मौतों को टाला जा सकता है।
खबरें और भी:-

