राजू कलाकारः ज़ीरो से हीरो बनने का सफ़र
राजू कलाकारः ज़ीरो से हीरो बनने का सफ़र
पहली बार किसी सोशल मीडिया स्टार के जीवन पर आधारित बन रही है फिल्म
मुंबई (अनिल बेदाग) : श्री रंग एंटरटेनमेंट के बैनर तले, निर्माता सुदर्शन वैद्य (शंभूभाई) और निर्देशक रॉकी मूलचंदानी एक ऐसे कलाकार की बायोपिक लेकर आ रहे हैं जो ज़ीरो से हीरो बनकर बॉलीवुड के दिग्गजों के दिलों को झकझोर रहा है। इस फिल्म का नाम फिलहाल “राजू कलाकार की अनकही कहानी” रखा गया है।
फिल्म के बारे में बात करते हुए, निर्माता शंभूभाई ने कहा कि यह सिर्फ एक कलाकार का जीवन नहीं है, बल्कि कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। राजू ने जिस तरह कई मुश्किलों का सामना करते हुए कला जगत में एक प्रमुख स्थान हासिल किया है, वह अकल्पनीय है। एक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किए गए संघर्ष के बाद राजू को जो बेमिसाल सफलता मिली, वह कई संघर्षरत लोगों का जीवन बदल सकती है।
फिल्म के निर्देशक रॉकी मूलचंदानी ने कहा, “फिल्म बनाने का हमारा मकसद युवाओं को एक संदेश देना है। अगर आप पूरी लगन से अपने लक्ष्य को पाने की कोशिश करेंगे तो आपको सफलता जरूर मिलेगी। एक आम इंसान की बायोपिक बनाने का विचार कैसे आया?” सवाल के जवाब में रॉकी कहते हैं, “यह एक आम इंसान की अनोखी कहानी है। जो दो पत्थरों को वाद्य यंत्र बनाकर लोगों को मधुर गीत सुनाता है। यह गीत इतना मशहूर हुआ कि करोड़ों लोग इसके दीवाने हो गए। इनमें बॉलीवुड के दिग्गज भी शामिल हैं। इसे एक बड़ी उपलब्धि कहा जा सकता है। दरअसल, राजू ने जीरो से हीरो तक का सफर तय किया है।
फिल्म लॉन्च के मौके पर मौजूद राजू ने कहा कि उनका सपना था कि कड़ी मेहनत से अपने परिवार का भरण-पोषण करने के साथ-साथ संगीत की दुनिया
में भी नाम कमाएं। हालांकि, मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन उन्हें इतनी शोहरत मिलेगी कि बॉलीवुड के दिग्गज उनकी कला की कद्र करेंगे।
राजस्थान के नागौर निवासी राजू का मुख्य पेशा कठपुतली शो था, जिसमें वह ढोल बजाते थे। हालांकि, मुश्किलों का सामना करने के बावजूद राजू ने कभी हार नहीं मानी। राजस्थान में आय के स्रोत सीमित होने के कारण, वह गुजरात के सूरत आ गए। यहां उन्होंने छोटे-बड़े काम करके गुजारा किया। ट्रेन में सफर करते हुए मैंने दो पत्थरों को अपनी उंगलियों के बीच रखकर संगीत बनाते देखा और जल्द ही मैंने उस कला में महारत हासिल कर ली।”
हालांकि, मेरे जीवन में अहम मोड़ तब आया जब मेरे एक दोस्त ने एक रील बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर की। बहरहाल, जून में अपलोड किए गए वीडियो ने कमाल कर दिया। वीडियो में बेवफा सनम (1995) का गाना दिल पे चलाई चूड़ियां दो संगमरमर के पत्थरों के संगीत की धुन पर गाया गया था। यह वीडियो इतना वायरल हुआ कि इसे 17.4 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने देखा, 44 लाख लोगों ने शेयर किया और इसे 1.61 करोड़ लाइक्स मिले।

बॉलीवुड के दिग्गज गायक सोनू निगम ने भी राजू की तारीफ की और उनके साथ मिलकर इस गाने का रीमेक बनाया, जिसका निर्माण टी-सीरीज़ ने किया। मशहूर कोरियोग्राफर रेमो डिसूज़ा ने भी उनका साथ दिया। मेरे जैसे आम आदमी पर फिल्म बनाने के लिए मैं शंभूभाई और रॉकीजी का शुक्रिया अदा करता हूँ। अंत में, निर्देशक रॉकी मूलचंदानी ने बताया कि फिल्म की स्क्रिप्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके साथ ही कलाकारों के चयन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी। फिल्म की शूटिंग इसी साल शुरू करने की योजना है।
गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन
मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट