रायपुर: शराब घोटाले में IAS गिरफ्तार
Chhattisgarh Liquor Scam: ED का बड़ा एक्शन, IAS निरंजन दास गिरफ्तार; ₹2500 करोड़ के घोटाले में चौंकाने वाले खुलासे
रायपुर: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले (Liquor Scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक और बड़ी मछली पर शिकंजा कसा है। ED की रायपुर जोनल टीम ने IAS अधिकारी निरंजन दास को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया है। कोर्ट ने आरोपी अधिकारी को 22 दिसंबर 2025 तक ED की कस्टडी में भेज दिया है।
हर महीने ₹50 लाख की ‘रिश्वत’ और ₹18 करोड़ का हिस्सा
ED की जांच में निरंजन दास को लेकर बेहद सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। जांच के मुताबिक:
-
सिंडिकेट के मददगार: निरंजन दास को आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) का अतिरिक्त प्रभार सिर्फ इसलिए दिया गया था ताकि वे शराब सिंडिकेट के काले कारनामों को आसान बना सकें।
-
मंथली पेमेंट: आरोप है कि सिंडिकेट को बिना किसी रोक-टोक के लूट की छूट देने के बदले उन्हें ₹50 लाख प्रति माह मिलते थे।
-
करोड़ों की कमाई: अब तक की जांच में सामने आया है कि निरंजन दास ने इस घोटाले से करीब ₹18 करोड़ की काली कमाई (Proceeds of Crime) की है।
कच्ची शराब की बिक्री बढ़ाने का देते थे निर्देश
सरकारी पद पर रहते हुए निरंजन दास ने अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को ताक पर रख दिया। ED के अनुसार, वे फील्ड ऑफिसर्स को अपने-अपने क्षेत्रों में बेहिसाब (unaccounted) और अवैध कच्ची शराब की बिक्री बढ़ाने के सीधे निर्देश देते थे, ताकि सिंडिकेट का मुनाफा बढ़ सके।
₹2500 करोड़ का महाघोटाला: अब तक कौन-कौन हुआ गिरफ्तार?
ACB और EOW की FIR के आधार पर शुरू हुई इस जांच ने छत्तीसगढ़ की सियासत में भूचाल ला दिया है। इस घोटाले से सरकारी खजाने को ₹2500 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। इस मामले में अब तक कई हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां हो चुकी हैं:
| गिरफ्तार व्यक्ति | पद/पहचान |
| निरंजन दास | IAS अधिकारी (आबकारी आयुक्त) |
| अनिल टुटेजा | पूर्व IAS अधिकारी |
| अनवर ढेबर | शराब सिंडिकेट का मुख्य चेहरा |
| कवासी लखमा | विधायक और तत्कालीन आबकारी मंत्री |
| चैतन्य बघेल | पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र |
| सौम्या चौरसिया | पूर्व अधिकारी |
प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग
ED ने कोर्ट को बताया कि निरंजन दास की भूमिका इस पूरे अपराध में केंद्रीय थी। उन्होंने न केवल सरकारी राजस्व की लूट में मदद की, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए अवैध संपत्ति बनाने में भी सक्रिय भूमिका निभाई। फिलहाल मामले की आगे की जांच जारी है और कई अन्य बड़े नामों पर भी गाज गिर सकती है।
खबरें और भी:-

