‘निशानची’ का दमदार टीज़र और दमदार किरदार

‘निशानची’ का दमदार टीज़र और दमदार किरदार

मुंबई (अनिल बेदाग) : दिल थाम लीजिए, क्योंकि अमेजन एमजीएम स्टूडियोज इंडिया पेश कर रहा है निशानची की एक खास झलक। इस अपकमिंग थिएट्रिकल फिल्म का ऑफिशियल टीज़र आ गया है और इसमें है भरपूर मसाला, इमोशंस, ड्रामा और ढेर सारा स्वैग। अनुराग कश्यप के डायरेक्शन में बनी ये फिल्म एक दमदार देसी एंटरटेनर लग रही है जिसमें है एक तगड़ा तड़का एक्शन, ह्यूमर और सब कुछ फिल्मी अंदाज़ का।
निशानची को अजय राय और रंजन सिंह ने जार पिक्चर्स  के बैनर तले, फ्लिप फिल्म्स के साथ मिलकर प्रोड्यूस किया है। फिल्म की कहानी प्रसून मिश्रा, रंजन चंदेल और अनुराग कश्यप ने लिखी है। 19 सितंबर को थिएटर्स में रिलीज़ होने जा रही ये फिल्म दो भाइयों की उलझी हुई ज़िंदगी को दिखाएगी, जो बिल्कुल अलग रास्तों पर चलते हैं और कैसे उनके फैसले उनकी तकदीर तय करते हैं। देसी मिट्टी की खुशबू लिए ये कहानी आपको एक ऐसे दुनिया में ले जाएगी जो असली, जोशीली और पूरी तरह देसी रंग में रंगी हुई है।
टीज़र की शुरुआत होती है एक दमदार लाइन से “बिना बॉलीवुड, काउनों ज़िंदगी कैसे जिए?” और बस, वहीं से आप घुस जाते हैं एक ऐसी दुनिया में जो म्यूज़िक, डांस, तगड़ी एक्शन, बिना फिल्टर के ड्रामा और डबल धमाल से भरी है। यहां मिलते हैं बबलू (ऐश्वर्य ठाकरे) से एक रंग-बिरंगा लोकल हीरो, जो अपनी स्टाइल और एटीट्यूड में कमाल है। उसके साथ दिखती हैं रिंकू (वेदिका पिंटो), जो हर कदम पर बबलू की टक्कर देती है।
लेकिन तभी होता है असली ट्विस्ट यानी एंट्री होती है डबलू की। अम्मा (मोनिका पंवार) का आज्ञाकारी बेटा डबलू, उतना ही संस्कारी है जितना बबलू जुगाड़ू है। और भाई, बिना मसाले के देसी फिल्म कैसी? फिर टीज़र में दिखते हैं कुछ मज़ेदार कैरेक्टर्स: कमाल अजीब (मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब) जो कभी समझ नहीं आता, लेकिन नजरें नहीं हटतीं उनसे। और अंबिका चाचा (कुमुद मिश्रा), बाहर से शांत लेकिन अंदर से पूरे खेल वाले।
इसके साथ बजता है एक जबरदस्त बीट्स वाला गाना, जो और भी एनर्जी भर देता है माहौल में। फिर दिखती है सीटी-मार एंट्रीज़, बड़े-बड़े किरदार और भरपूर ड्रामा। अगर टीज़र पर भरोसा किया जाए, तो निशानची वाकई में देगा आपको देसी अंदाज़ में तगड़ा एंटरटेनमेंट, भरपूर धमाके, रॉ इमोशंस और अनुराग कश्यप का अलग ही टच। तो तैयार हो जाए, क्योंकि निशानची 19 सितंबर को पूरे भारत के थिएटरों में लेकर आ रही है  गोलियां, गद्दारी और जबरदस्त भाईचारा।

गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन

मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट

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