PIB : केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने त्रिपुरा की मत्स्य पालन में संभावनाओं के बारे में बताया, हितधारकों से त्रिपुरा को ‘‘मछली आधिक्य राज्य’’ बनाने का आग्रह किया
त्रिपुरा में 42.4 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले एकीकृत जल पार्क की आधारशिला रखी गई; केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य को जैविक मछली क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा
अगरतला, 18 मई, 2025: केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी तथा पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने आज अगरतला, त्रिपुरा में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत कैलाशहर, त्रिपुरा में 42.4 करोड़ रुपये की लागत से एक एकीकृत जल पार्क की आधारशिला रखी।
इसके अलावा, इस कार्यक्रम में राज्य की समृद्ध संस्कृति की प्रदर्शनी और विविध मछलियों पर एक मछली महोत्सव का उद्घाटन भी किया। इस कार्यक्रम में श्री जॉर्ज कुरियन, राज्य मंत्री, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के साथ-साथ श्री सुधांशु दास, मत्स्य पालन मंत्री, त्रिपुरा सरकार और श्री टिंकू रॉय, खेल और युवा मामलों के मंत्री, त्रिपुरा सरकार भी शामिल हुए।
अपने संबोधन में, केंद्रीय मंत्री, श्री राजीव रंजन सिंह ने भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताते हुए कहा कि मत्स्य पालन क्षेत्र ने 2014-15 से 9.08 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है जो भारत में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सबसे अधिक है। मत्स्य पालन क्षेत्र में त्रिपुरा की विशाल संभावना को पहचानते हुए, उन्होंने आधुनिक तकनीक, एकीकृत खेती और नवाचार के उपयोग के माध्यम से मांग और आपूर्ति के बीच की कमी को पूरा करने की आवश्यकता पर बल दिया।
श्री राजीव रंजन ने कहा कि देश के 11 एकीकृत जल पार्कों में से 4 पूर्वोत्तर क्षेत्र में बनाए जा रहे हैं। इनमें से एक त्रिपुरा में बनाया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने हितधारकों से त्रिपुरा को एक ‘‘मछली आधिक्य राज्य’’ में बदलने और त्रिपुरा की 1.5 लाख टन की मांग से अधिक 2 लाख टन मछली उत्पादन के लक्ष्य की दिशा में लगन से काम करने का आग्रह किया ताकि यह मछली का निर्यात करने में सक्षम हो। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही त्रिपुरा में भी सिक्किम की तरह ही जैविक मछली क्लस्टर विकसित किया जाएगा।
एकीकृत जल पार्क को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने मछली पालकों को संस्थागत प्रशिक्षण प्रदान करने के महत्व पर जोर दिया। मछुआरों को मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (एफआईडीएफ) और पीएमएमएसवाई जैसी सरकारी योजनाओं का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए, उन्होंने एनएफडीबी के माध्यम से प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में सहयोग की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
श्री राजीव रंजन सिंह ने झींगा उत्पादन को बढ़ावा देने, सजावटी मत्स्य पालन को विकसित करने, बुनियादी ढांचे में सुधार करने, आसान बाजार पहुंच सुनिश्चित करने और क्षेत्र में नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा देने जैसे मुद्दों के बारे में भी बात की। इस अवसर पर, केंद्रीय मंत्री ने विभिन्न लाभार्थियों को प्रमाण पत्र और स्वीकृति आदेश वितरित किए।
मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन ने त्रिपुरा में मछली उत्पादकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि राज्य की लगभग 98 प्रतिशत आबादी मछली खाती है। उन्होंने राज्य की खाद्य सुरक्षा और अर्थव्यवस्था में मत्स्य पालन की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया।
त्रिपुरा सरकार के मत्स्य पालन, एआरडीडी और एससी कल्याण मंत्री श्री सुधांशु दास ने लक्षित उपायों के माध्यम से मछुआरों और मछली किसानों के उत्थान के लिए राज्य की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। मंत्री ने यह भी बताया कि मत्स्य सहायता योजना के तहत पहचाने गए मछुआरों और मछली किसानों को उनकी आजीविका में सहयोग करने के लिए 6,000 रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता मिल रही है।
युवाओं को रोजगार के एक व्यवहार्य साधन के रूप में मत्स्य पालन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में इस क्षेत्र में अत्यधिक संभावनाएं हैं जिनका अभी तक उपयोग नहीं किया गया है। जबकि त्रिपुरा सरकार के खेल और युवा मामलों के मंत्री श्री टिंकू रॉय ने मत्स्य पालन क्षेत्र के उत्थान और त्रिपुरा में मछुआरों की आजीविका को बढ़ाने के लिए निरंतर सहयोग और सामूहिक प्रयास को प्रोत्साहित किया।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी ने विभाग की प्रमुख योजनाओं और पहलों – पीएमएमएसवाई, एफआईडीएफ और प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (पीएमएमकेएसएसवाई) के बारे में बताया। इनका संयुक्त निवेश परिव्यय लगभग 38,000 करोड़ रुपये है। यह उल्लेखनीय है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए 2,114 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है जिसमें विशेष रूप से त्रिपुरा के लिए 319 करोड़ रुपये शामिल हैं।
श्री लिखी ने मछुआरों और मत्स्य किसानों से अनुसंधान और विकास में प्रगति का पूरा लाभ उठाते हुए रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस), बायोफ्लोक और ड्रोन-आधारित अनुप्रयोगों जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाने का आग्रह किया। आजीविका सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने मछुआरों के लिए बीमा कवरेज प्रदान करने के लाभों के बारे में भी बताया। इसके अलावा, विविध किस्मों की प्रजातियों विशेष रूप से उच्च मूल्य की देशी प्रजातियों जैसे पाबदा और सिंघी का उत्पादन बढ़ाने पर भी विशेष जोर दिया गया।
इस कार्यक्रम में मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री सागर मेहरा, एनएफडीबी के मुख्य कार्यकारी डॉ. बिजय कुमार बेहरा के साथ-साथ केंद्र और राज्य मत्स्य विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
त्रिपुरा में मत्स्य पालन की वर्तमान स्थिति त्रिपुरा ने प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 29 किलोग्राम से अधिक की उच्च मछली खपत दर के साथ हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य में पीएमएमएसवाई के तहत 178 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। पिछले पांच वर्षों में, त्रिपुरा ने इस क्षेत्र में 258.61 करोड़ रुपये के संचयी मूल्य की 69 स्वीकृत परियोजनाओं को लागू किया है। अकेले कैलाशहर में एकीकृत जल पार्क में 42.4 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है और यह आधुनिक मछली उत्पादन और विपणन बुनियादी ढांचे के लिए एक रीढ़ की हड्डी के रूप में काम करने की उम्मीद है जिससे जलीय कृषि कार्यों में संलग्न सभी हितधारकों को लाभ होगा। इससे राज्य में लगभग 100 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार और 500 से अधिक लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होने की उम्मीद है।
कार्यक्रम के दौरान लाभार्थियों को पुरस्कृत किया गया आज के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने विभिन्न मत्स्यपालन लाभार्थियों को प्रमाण पत्र और स्वीकृति आदेश वितरित किए। सम्मानित किए गए लाभार्थियों की सूची में निम्नलिखित शामिल हैं, मोहनपुर आरडी ब्लॉक, पश्चिम त्रिपुरा से श्री देबाशीष सरकार; बामुटिया आरडी ब्लॉक, पश्चिम त्रिपुरा से श्री भजन सरकार; सतचंद आरडी ब्लॉक, दक्षिण त्रिपुरा से सुश्री परमिता बिस्वास भौमिक; डुकली आरडी ब्लॉक, पश्चिम त्रिपुरा से श्री सुदर्शन चक्रवर्ती; और डुकली आरडी ब्लॉक, पश्चिम त्रिपुरा से श्री निर्मल दास को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए।
इसके अतिरिक्त, मेसर्स बरकुचुक फर्मेंटेड फिश एंटरप्राइज, खोवाई, और मेसर्स जल राजा फिश फीड फैक्ट्री, डुकली इंडस्ट्रियल एरिया, पश्चिम त्रिपुरा सहित शीर्ष प्रदर्शन करने वाले मत्स्यपालन स्टार्ट-अप को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। मत्स्य पालन किसान उत्पादक संगठनों (एफएफपीओ) में, राजनगर, बेलोनिया, दक्षिण त्रिपुरा के बोर्डोश एफएफपीओ और धलाई फिश फार्मर को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, अंबासा, धलाई त्रिपुरा को क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।
इसके अलावा, राज्य में मत्स्य पालन क्षेत्र को मजबूत करने में उनके अनुकरणीय प्रयासों के लिए सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली मत्स्य पालन सहकारी समितियों-मेलाघर मत्स्यजीबी समाबे समिति लिमिटेड, सिपाहीजला त्रिपुरा, और जातीय मत्स्यजीबी समाबे समिति लिमिटेड, कुसमारा, काकरबन, गोमती को भी सम्मानित किया गया।
पीएमएमएसवाई के तहत लाभार्थियों में श्री तपन बर्मन, सिपाहीजला, त्रिपुरा, श्री परितोष देबबर्मा, जिरानिया आरडी ब्लॉक पश्चिम त्रिपुरा, श्री सुश्री बिस्वजीत दास, जिरानिया आरडी ब्लॉक, पश्चिम त्रिपुरा, अंजलि रानी दास, सिपाहीजला, त्रिपुरा को फिनफिश हैचरी, आइस बॉक्स के साथ 3-व्हीलर और फिश कियॉस्क दिए गए।
ब्यूरो चीफ, रिजुल अग्रवाल