अब गलत तरीके से मनी-ट्रांसफर(रेमिटेंस स्कीम) करना होगा मुश्किल, RBI ने नियम किए सख्त

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया नोटबंदी और जीएसटी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए एक ओर जरूरी कदम उठाने वाली है । इस योजना के मुताबिक RBI ने भारत से बाहर पैसा भेजने वाले लिब्रलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) की जानकारी देने के नियमों को और सख्त कर दिया है। इस स्कीम के तहत कोई भी व्यक्ति एक साल में ढाई लाख डॉलर तक ही विदेश में भेज सकता है। देश से बाहर गैर कानूनी रूप से पैसा भेजने पर रोक लगाने के उदेश्य से यह कदम उठाया गया है।

वर्तमान समय में कस्टमर की ओर से किये गये एेलान के आधार पर बैंक योजना के तहत लेनदेन की अनुमति देते हैं। आपको बता दें कि इस लिमिट के पालन की निगरानी केवल कस्टमर की ओर से की गई घोषणा तक ही सीमित है। स्वतंत्र रूप से इसकी कोई पुष्टी नहीं की जाती। साथ ही इस संबंध में सूचना का कोई भी विश्वसनीय स्त्रोत भी नहीं होता है।

भारतीय रिजर्व बैंक की एक अधिसूचना में बताया गया है कि पैसे भेजने पर निगरानी को बेहतर करने और एलआरएस सीमाओं के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इस स्कीम के तहत पैसे भेजने वालों (कस्टमर) के लेनदेन की जानकारी उससे जुड़े डीलर बैंकों से रोजाना मंगाने की व्यवस्था को अमल में लाया जाएगा।

RBI ने अपनी अधिसूचना में बताया है कि यह जानकारी इस तरह के लेनदेन करने वाले अन्य बैकों को भी उपलब्ध कराई जाए। केंद्रीय बैंक के आदेश के बाद अब बैंकों को रोजाना इस तरह के लेनदेन की सूचना को अपलोड करना होगा।

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