वायु प्रदुषण कम करने के लिए नये उपाये सोचे जोने चाहिए
8 नवम्बर 2017, जिला मुख्यालय गाजियाबादः आज यहां फ्लैट आनर्स फेडरेशन गाजियाबाद के एक प्रतिनिधि मण्डल ने वायु प्रदुषण को कम करने के लिए कुछ नये उपायों पर एक पत्र जिलाधिकारी कार्यलय में सबडिविजनल मजिस्ट्रेट श्री अतुल कुमार जी को सौपा।
फ्लैट ओनर्स फेडरेशन गाजियाबाद के अध्यक्ष कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी ने बाताया कि वायु प्रदुषण गाजियाबाद में तमाम सीमायें पार कर चुका है। ऐसे में जनरेटर बन्द करना, डिजल की गाडियां बन्द करना, फरनेस ओयल बन्द करवाना, पैट कोक बन्द करनवाना, वायु प्रदुषण फैलानेवाली फैक्ट्रीयों को बन्द करना, स्कूलो को बन्द करना आदि तो सरकारी उपाय और आदेश है ही। हमें कुछ नयें उपाय सोचने चाहिए।
क्या हिन्डन घाट पर लोहे के चिमनी लगे बक्से में शव दहन नही किया जासकता जिसमें 2 तिहाई लकडी की बचत होती है?
क्या डम्पिगं गा्रउण्ड की जगह सैनेट्री लैण्ड फिल्स नही बननी चाहिए जिनमें न तो दूरर्गन्ध आती है, न वातावरण दूषित होता है और न ही भूति का अतिक्रमण होता है?
क्या मैट्रो पिलर और सरकरी दफतरो पर वर्टिकल गार्डनिंग नही करायी जा सकती जिसमें एक भवन की वर्टिकल गार्डनिंग से साल भर में 40 टन जहरिली गैस खत्म होती है , 15 किलोग्राम वायु प्रदुषण के कण खत्म होते है और 10 डेसीबल ध्वनि प्रदुषण कम होता?
क्या शहर में 300 सी एन जी सिटी बस और 2000 सी सी टीवी कैमरे नही लगवायें जासकते जिससे यातायात सूगम हो जायेगा?
क्या उपरोक्त सब कामो के लिए गाजियाबाद के रहीस संस्थानों से सी एस आर में सहयोग नही लिया जा सकता है ?
क्या 10 अक्टुबर 2017 को 22 वें “कार फ्री डे ” पर प्रशासनिक अधिकारी कार के अलावा किसी और माध्यम का उपयोग नही कर सकते है?
क्या पंजाब और हरियाणा में धान की खूंटी को जलाने की बजाये, हटाने के लिए मनरेगा के मजदूरो का उपयोग नही किया जा सकता है?
प्रतिनिधि मण्डल में शामिल श्री गोपाल महेश्वरी, श्रीमति संध्या त्यागी, सुश्री अलका मार्टीन ने बाताया की वायु प्रदुषण को कम करने के लिए विस्तृत सुझाव संलग्न पत्र में अंकित है जिसकी प्रति माननीय शहरी विकास मन्त्री श्री सूरेश खन्ना जी को, ई पी सी ऐ के चेयरमेन श्री भूरे लाल जी और कमीश्नर मेरठ श्री प्रभात कुमार जी को प्रेशित की जायेगी।
हमारा मानना है कि सूविधाओ को बन्द करने की बजायें वायु प्रदुषण को कम करने के लिए नयेेेेेेेेेेे उपाये खाजे जाने चाहिए। उपाय कभी कम नही होते क्योकि कोई समस्या आदमी से बडी हो ही नही सकती।