Mumbai : जेनेलिया देशमुख का हर अभिनय स्वाभाविक, वास्तविक और प्रभावी है-आमिर खान
मुंबई (अनिल बेदाग) : बहुप्रतीक्षित फ़िल्म “सितारे ज़मीन पर” ने आज एक इवेंट में काफ़ी चर्चा बटोरी, जहाँ अभिनेत्री जेनेलिया देशमुख, सह-कलाकार आमिर खान और फ़िल्म के निर्देशक ने मीडिया को संबोधित किया। इस इवेंट में फ़िल्म की भावनात्मक गहराई और अभिनेता जेनेलिया और आमिर के सम्मोहक अभिनय के बारे में जानकारी दी गई।
फिल्म में जेनेलिया देशमुख की भूमिका फिर भी बहुत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली है। अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए सभी की निगाहें जेनेलिया पर ही टिकी रहीं। उन्होंने कहा, “मुझे आमिर खान प्रोडक्शंस में वापस आने का मौका मिलने की खुशी है,” उनके चेहरे पर पुरानी यादों की मुस्कान थी। “जाने तू या जाने ना एक खास फिल्म है।
इस फिल्म ने मुझे अदिति के रूप में पहचान दिलाई। अब मैं एक अलग समय पर वापस आ रही हूं, जब मैं बहुत छोटी नहीं हूं। मैं अब एक अलग व्यक्ति और अभिनेता हूं। मुझे खुशी है कि मुझे सुनीता के रूप में कास्ट किया जा सका।”
फिल्म में जेनेलिया के साथ काम करने वाले आमिर खान ने उनकी तारीफ करते हुए स्क्रीन पर उनकी प्रतिभा और प्रभाव की एक ज्वलंत तस्वीर पेश की। खान ने कहा, “कैमरा उन्हें बहुत पसंद करता है। जब वह फ्रेम में प्रवेश करती हैं, तो वह उसे रोशन कर देती हैं।” उन्होंने आगे कहा, “जेनेलिया ने सबसे ऊपर से शुरुआत की। जब उन्होंने अपनी पहली फिल्म से शुरुआत की। उन्होंने अपनी पहली फिल्म में ही एक बेहतरीन अभिनय किया।
इसलिए वह अपनी पहली फिल्म में ही एक निपुण अभिनेत्री थीं। वह लगातार शीर्ष पर बनी रहीं। उनका हर अभिनय स्वाभाविक, वास्तविक और प्रभावी है। उनके साथ काम करना वाकई एक खुशी की बात है। इस फिल्म में उनका किरदार बहुत महत्वपूर्ण है। सुनीता और गुलशन के बीच का रिश्ता गुलशन के साथ आखिरकार क्या होता है, इसमें बहुत महत्वपूर्ण है। मुझे उनके साथ काम करके वाकई बहुत मजा आया।”
खान ने अपने किरदार की यात्रा के बारे में भी बताया और बताया कि कैसे जेनेलिया की मौजूदगी ने उनके ऑन-स्क्रीन डायनामिक को समृद्ध किया। “फिल्म में मेरा किरदार बहुत अपरिपक्व है। गुलशन को नहीं पता कि रिश्तों को कैसे संभाला जाए। वह अपने सभी रिश्तों में विफल रहता है। उसका सबसे महत्वपूर्ण रिश्ता उसकी पत्नी के साथ है, जिसमें वह विफल हो रहा है। मेरे और जेनेलिया के बीच की केमिस्ट्री ने मुझे वाकई बहुत प्रभावित किया। मैं वास्तव में उनसे प्रभावित हो सकता हूं। जब आपके सामने एक अच्छा अभिनेता होता है तो आप अभिनेता से कुछ न कुछ सीखते ही रहते हैं।”
निर्देशक आर.एस. प्रसन्ना, जिनकी दृष्टि “सितारे ज़मीन पर” को जीवंत बनाती है, ने दोनों अभिनेताओं के लिए अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं, और उनकी भूमिकाओं में लाई गई प्रामाणिकता पर ज़ोर दिया। “वे दोनों ही बेहद संवेदनशील, भावुक और प्रामाणिक लोग हैं। फ़िल्म अपने आप ही वास्तविक हो जाती है और इसमें एक अलग तरह की ऊर्जा होती है जहाँ आप अभिनय को कैद कर लेते हैं। जब आप ऐसे बेहतरीन अभिनेताओं के साथ काम करते हैं तो यह एक खुशी की बात होती है। आप ज़्यादा निर्देशन नहीं करना चाहते। आप बस उनके साथ कहानी कहने का अपना काम करते हैं। उनके साथ काम करना एक बेहतरीन अनुभव है।”
गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन
मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट