मनी लॉन्ड्रिंग: IDBI को मिली वसूली
💰 IDBI बैंक को बड़ी राहत! ED ने ₹54.86 करोड़ की जब्त संपत्ति बैंक को लौटाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहम कार्रवाई
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए, IDBI बैंक को उसकी ₹54.86 करोड़ रुपये मूल्य की दो अचल संपत्तियाँ वापस कर दी हैं। यह कार्रवाई मेसर्स एक्सेल सनशाइन लिमिटेड और अन्य के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जाँच के दौरान जब्त की गई संपत्तियों की बहाली के संबंध में हुई है।
ED ने यह संपत्ति PMLA की धारा 8(8) के तहत IDBI बैंक द्वारा दायर आवेदन के समर्थन में लौटाई है, जिससे पीड़ित बैंक को बड़ी वित्तीय राहत मिली है।
🏦 कैसे शुरू हुई जाँच? IDBI बैंक को हुआ था ₹600 करोड़ का नुकसान
ED की जाँच सीबीआई, बीएस एंड एफसी, बैंगलोर द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी। यह एफआईआर IDBI बैंक की शिकायत पर दर्ज की गई थी, जिसमें शिव समूह (Shiva Group) से जुड़ी कंपनियों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था।
आरोप और घोटाले का विवरण:
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शुरुआती घाटा: IDBI बैंक को शुरू में शिव समूह की कंपनी विन विंड ओय को दिए गए 52 मिलियन यूरो के ऋण से भारी गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) का नुकसान हुआ था।
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साजिश का आरोप: वसूली की कार्रवाई जारी रहने के दौरान, IDBI के अधिकारियों और शिव समूह ने कथित तौर पर मार्च 2014 में साजिश रची। उन्होंने शिव समूह से जुड़ी एक अन्य इकाई, एक्सेल सनशाइन लिमिटेड के लिए 83 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नया ऋण सुरक्षित किया।
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फंड का दुरुपयोग: इस नए ऋण का एक बड़ा हिस्सा (65 मिलियन अमेरिकी डॉलर) कथित तौर पर विन विंड ओय के पुराने NPA को बंद करने के लिए इस्तेमाल किया गया, जिससे शिव समूह को लाभ हुआ।
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गलत माफ़ी: नियामक उल्लंघनों और गिरवी रखी गई संपत्तियों के मूल्य में कमी के बावजूद यह नया ऋण स्वीकृत किया गया। NPA को बंद करने के बाद, IDBI बैंक ने कथित तौर पर सभी वसूली कार्रवाइयाँ वापस ले लीं और एसआईएचएल की कॉर्पोरेट गारंटी जारी कर दी, जिससे बैंक को ₹600 करोड़ रुपये से अधिक का गलत नुकसान हुआ।
⚖️ ED की जाँच और अभियोजन शिकायत
पीएमएलए जाँच में पाया गया कि आरोपियों ने ऋण का उपयोग स्वीकृत उद्देश्य के लिए करने के बजाय, बैंक की धनराशि को व्यवस्थित रूप से अनपेक्षित उद्देश्यों के भुगतान के लिए डाइवर्ट और दुरुपयोग किया।
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ED ने दो कुर्की आदेशों के माध्यम से लगभग ₹245 करोड़ रुपये की अचल और चल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया।
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इन कुर्कियों की पुष्टि 13.01.2020 और 24.11.2025 को निर्णायक प्राधिकारी द्वारा की गई।
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ED ने 22.02.2021 को माननीय विशेष न्यायालय (पीएमएलए) के समक्ष अभियोजन शिकायत (Prosecution Complaint) भी दायर की।
✅ न्यायालय का फैसला: पीड़ित बैंक के हित में संपत्ति बहाल
IDBI बैंक ने PMLA की धारा 8(8) के तहत दो अचल संपत्तियों की बहाली के लिए विशेष न्यायालय में याचिका दायर की। ED ने इस पर सहमति जताई क्योंकि कुर्की कार्रवाई पीड़ित बैंक के हित में की गई थी।
माननीय विशेष न्यायालय ने दिनांक 09.12.2025 के आदेश द्वारा जनहित और पीड़ित बैंक के नुकसान को ध्यान में रखते हुए, ₹54.86 करोड़ रुपये मूल्य की दो संपत्तियों को IDBI बैंक को बहाल करने का आदेश दिया।
यह कार्रवाई दर्शाती है कि प्रवर्तन निदेशालय वित्तीय अपराधों से पीड़ितों को राहत दिलाने और जब्त की गई संपत्तियों को बहाली के कानूनी प्रावधानों को सक्रिय रूप से लागू कर रहा है।
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