मेघालय GHADC घोटाला: ED ने की छापेमारी

🚨 ED ने मेघालय GHADC फंड गबन मामले में पहली बार वेस्ट गारो हिल्स में छापा मारा, ₹28.66 करोड़ के डायवर्जन का संदेह

प्रवर्तन निदेशालय (ED), शिलांग उप-क्षेत्रीय कार्यालय (SGZO) ने मेघालय के तुरा स्थित गारो हिल्स स्वायत्त जिला परिषद (GHADC) के फंड के कथित गबन से संबंधित मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ED ने 4 दिसंबर 2025 को वेस्ट गारो हिल्स में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत पहली बार तलाशी अभियान चलाया।


🔍 जाँच और मुख्य आरोपी

  • स्थान: वेस्ट गारो हिल्स, मेघालय।

  • मुख्य आरोपी:

    • बॉस्टन सी.एच. मारक

    • इस्माइल मारक

    • कुबोन संगमा

    • निक्सेंग संगमा

  • तलाशी: उपरोक्त आरोपियों से संबंधित 5 ठिकानों पर तलाशी ली गई।

💸 गबन का तरीका (Modus Operandi)

जाँच में पता चला है कि GHADC के विकास कार्यों के लिए आवंटित धन का दुरुपयोग किया गया:

  1. विकास कार्य न करना: GHADC सदस्यों, ठेकेदारों और दलालों की मिलीभगत से विकास कार्यों को क्रियान्वित नहीं किया गया।

  2. नियमों का उल्लंघन: कुल ₹28.66 करोड़ के आवंटन में से, समिति के सदस्यों ने नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए ठेकेदारों के साथ मिलकर फंड का दुरुपयोग किया।

  3. अवैध अग्रिम भुगतान: ठेकेदारों कुबोन संगमा और निक्सेंग संगमा को लागू नियमों के विपरीत, स्वीकृत राशि का 60% अवैध रूप से अग्रिम (Advance) के रूप में जारी कर दिया गया।

  4. फंड का डायवर्जन: GHADC सदस्यों ने अग्रिम राशि को वापस अपने या अपने परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में स्थानांतरित करवा लिया।

🧾 जाँच के निष्कर्ष और कुर्की

  • चेक और निकासी: जाँच में यह स्थापित हुआ कि इस्माइल मारक के निर्देश पर ठेकेदारों (कुबोन संगमा और निक्सेंग संगमा) के नाम पर कई चेक जारी किए गए।

    • कुबोन संगमा ने पूरी राशि निकालकर इस्माइल मारक को सौंप दी।

    • निक्सेंग संगमा ने अपना हिस्सा सीधे निर्देशित बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया।

  • ठेकेदारों की स्वीकारोक्ति: ठेकेदारों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने बैंक से फंड निकालकर आरोपी सदस्यों या उनके परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित किया, जिससे आसनंग निर्वाचन क्षेत्र के विकास फंड के डायवर्जन की पुष्टि हुई।

  • जब्ती और फ्रीजिंग: तलाशी के दौरान, अचल संपत्तियों में निवेश और डिजिटल उपकरणों के रूप में आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए। इसके अलावा, PMLA, 2002 की धारा $17(1A)$ के तहत आरोपियों और उनके परिवार के सदस्यों से संबंधित कई बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं।

आगे की जाँच प्रगति पर है।


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