शराब चालान फ्रॉड: ED की चार्जशीट मंजूर

🍾 नकली चालान घोटाला: ED ने इंदौर में दाखिल की चार्जशीट, ₹49 करोड़ से अधिक की POC का खुलासा

₹70 करोड़ से अधिक की 28 संपत्तियां कुर्क; शराब ठेकेदारों ने नकली चालान से लूटा सरकारी खजाना

इंदौर: प्रवर्तन निदेशालय (Directorate of Enforcement – ED) के इंदौर सब-ज़ोनल ऑफिस ने बहुचर्चित “शराब नकली चालान घोटाला” मामले में बड़ी कार्रवाई की है। 29 नवंबर 2025 को, ED ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत इंदौर की विशेष PMLA कोर्ट में अभियोजन शिकायत (Prosecution Complaint – PC) दाखिल कर दी है। कोर्ट ने 11 दिसंबर 2025 को इस शिकायत का संज्ञान लिया।

ED ने यह जांच इंदौर के रावजी पुलिस स्टेशन में विभिन्न शराब ठेकेदारों के खिलाफ दर्ज FIR के आधार पर शुरू की थी, जिन्होंने जाली और हेरफेर किए गए चालानों के माध्यम से सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया था।

📝 कैसे दिया गया घोटाले को अंजाम? (Modus Operandi)

आरोपी शराब ठेकेदारों ने चालान में हेराफेरी करने का एक शातिर तरीका अपनाया:

  • कम राशि का चालान: आरोपी पहले छोटी राशि के चालान तैयार करते थे और उन्हें बैंक में जमा करते थे।

  • खाली जगह का फायदा: चालान के निर्धारित प्रारूप में, “राशि अंकों में (Rs. in figures)” और “राशि शब्दों में (Rs. in Words)” का कॉलम होता था। आरोपी जानबूझकर “राशि शब्दों में” वाली जगह को खाली छोड़ देते थे।

  • हेरफेर: बैंक में राशि जमा होने के बाद, जमाकर्ता “राशि अंकों में” वाली जगह पर हेरफेर करता था और “राशि शब्दों में” वाली खाली जगह में बढ़ी हुई राशि भर देता था।

  • ज्यादा शराब स्टॉक: इस हेरफेर किए गए चालान को कंट्री लिकर वेयरहाउस या जिला आबकारी कार्यालय में जमा करके, वे कम शुल्क/लाइसेंस फीस चुकाने के बावजूद अधिक शराब स्टॉक प्राप्त कर लेते थे, जिससे सरकारी खजाने को ₹49 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ।

🔗 मुख्य आरोपी गिरफ्तार, ₹70 करोड़ की संपत्ति कुर्क

PMLA जांच में स्थापित हुआ कि राजू दशवंत, अंश त्रिवेदी और अन्य शराब ठेकेदारों ने जाली, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश जैसे अनुसूचित अपराधों से प्राप्त ₹49 करोड़ से अधिक की ‘अपराध आय’ (Proceeds of Crime – POC) को छिपाने और इस्तेमाल करने में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।

  • गिरफ्तारी: ED पहले ही मुख्य आरोपी राजू दशवंत और अंश त्रिवेदी को गिरफ्तार कर चुकी है, जो वर्तमान में न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में हैं।

  • संपत्ति कुर्की: जांच के दौरान, ED इंदौर सब-ज़ोनल ऑफिस ने 28 नवंबर 2025 को एक अस्थाई कुर्की आदेश जारी किया था, जिसके तहत ₹21.18 करोड़ (अधिग्रहण मूल्य) की 28 अचल संपत्तियां कुर्क की गईं।

  • बाजार मूल्य: ED के अनुसार, इन संपत्तियों का वर्तमान बाजार मूल्य ₹70 करोड़ से अधिक है।

मामले में आगे की जांच जारी है।


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