जानिए जून तक कितने लोगों ने छोड़ा देश, तेजी से भारत की नागरिकता छोड़ रहे हैं लोग

विश्व के पटल पर भारत तेजी से ऊपर जा रहा है. केंद्र सरकार का दावा है कि जल्द हमारा देश दुनिया में विश्व गुरु बन जाएगा. लेकिन इन सब के बीच भारत सरकार ने देश की नागरिकता छोड़ रहे लोगों की जो संख्या बताई है उसने सबको चौंका दिया है. हर साल बड़ी तादाद में लोग भारत की नागरिकता छोड़ रहे हैं. सबसे बड़ी बात कि ये देश के उच्च वर्ग के लोग हैं. यानी अमीर लोग.

दरअसल, ये वो लोग हैं जो देश की अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका निभाते हैं. ऐसे में अगर हर साल ऐसे लोग भारत की नागरिकता छोड़ते जाएंगे तो आने वाले समय में देश के 5 ट्रिलियन इकोनॉमी का सपना कैसे पूरा होगा ये सोचने वाली बात है.

जून 2023 तक कितने लोगों ने छोड़ी भारत की नागरिकता?

भारत सरकार ने इस पर एक रिपोर्ट दी है. जिसके अनुसार, जून 2023 तक दस बीस हजार नहीं बल्कि 87,026 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी है. दरअसल, भारतीय विदेश मंत्रालय ने संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए इन आंकड़ों को बताया है. भारत की नागरिकता छोड़ कर ये लोग दुनियाभर के 135 देशों में अपना नया ठिकाना बना रहे हैं. भारत सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2011 से अब तक लगभग 17 लाख भारतीयों नें अपनी नागरिकता छोड़ दी है. खासतौर से ऐसे लोग जिन्हें इस देश में अमीर तबका माना जाता है

देश छोड़ कर ये लोग जा कहां रहे हैं?

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि भारत की नागरिकता छोड़कर ये दुनिया भर के कुल 135 देशों में अपना ठिकाना बना रहे हैं. दरअसल, भारत दोहरी नागरिकता को मान्यता नहीं देता है, इसलिए जो लोग भारत की नागरिकता छोड़ रहे हैं, उन्हें दूसरे देश की नागरिकता लेनी ही पड़ती है. जिन देशों में ये लोग जा रहे हैं उनमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और यहां तक कि पाकिस्तान जैसे देश भी शामिल हैं.

2022 में सबसे ज्यादा भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी

विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में सबसे ज्यादा 2,25,620 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है. अब सवाल उठता है कि आखिर इतने लोग भारत की नागरिकता छोड़ क्यों रहे हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि लोग ऐसा बेहतर अवसर, अच्छे हेल्थकेयर और जिंदगी जीने की बेहतर गुणवत्त के लिए भारत की नागरिकता छोड़ रहे हैं. इसके अलावा भी कई ऐसी समस्याएं हैं जिनकी वजह से लोग अब भारत की नागरिकता छोड़ कर दूसरे देशों की नागरिकता ले रहे हैं.

ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन

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