जानिए चैतन्यानंद सरस्वती की काली करतूत, गर्ल्स हॉस्टल में सीक्रेट कैमरे, रात को बेडरूम में बुलावा

दिल्ली के एक निजी प्रबंधन संस्थान में छेड़छाड़ के मामले की चल रही है. रडार पर स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती है. इस बीच यह बात सामने आई है कि कैसे आरोपी 62 वर्षीय स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ ​​स्वामी पार्थसारथी लड़कियों को आपत्तिजनक टेक्स्ट संदेश भेजता था और और उसके रूप-रंग पर टिप्पणी करता था. द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, छात्रा ने प्राथमिकी (एफआईआर) में उल्लेख किया है कि उसने पहली बार स्वयंभू बाबा और संस्थान के अध्यक्ष से पिछले साल बातचीत की थी, जब वह वहाँ के कुलाधिपति थे।

Swami Chaitanyananda News : दिल्ली में एक बाबा के कांड ने हलचल मचा दी है. साउथ दिल्ली स्थित एक शिक्षण संस्थान से जुड़े स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर छात्राओं के यौन शोषण का आरोप लगा है. खुद को आध्‍यात्मिक गुरु बताने वाला यह बाबा चैतन्यानंद सरस्वती बहुत बड़ा वाला कांडी है. उसने कई लड़कियों का यौन शोषण किया है.

वह रात में अपने निजी कक्ष में लड़कियों को बुलाता था और विदेश यात्रा के लिए मजबूर करता था. इतना ही नहीं, उसने सुरक्षा के नाम पर गर्ल्स हॉस्टल में सीक्रेट कैमरे लगवा रखे थे. एफआईआर की कॉपी में चैतन्यानंद सरस्वती की काली करतूत कैद हो चुकी है.

जी हां, छात्राओं से छेड़खानी मामले में चैतन्यानंद सरस्वती को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. एफआईआर के मुताबिक, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की छात्राओं को देर रात कथित स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के क्वार्टर में बुलाया जाता था. लड़कियों के हॉस्टल में सुरक्षा के नाम पर गुप्त कैमरे लगाए गए थे. एक छात्रा का नाम उसकी इच्छा के विरुद्ध बदलने के लिए मजबूर किया गया था. इतना ही नहीं, छात्राओं को विदेश यात्राओं और देर रात चैतन्यानंद सरस्वती के निजी कक्ष में बुलाने के लिए मजबूर किया जाता था.

कैसे चैतन्यानंद सरस्वती के साथ सब मिले हैं

एफआईआर के अनुसार, सहयोगी डीन सहित कुछ स्टाफ सदस्य छात्राओं पर स्वामी के यौन आग्रह मानने के लिए दबाव डालते थे. साथ ही छात्राओं की शिकायतों को नजरअंदाज करते थे. जो लड़कियां विरोध करतीं, उन्हें डराकर चुप करा दिया जाता. विरोध करने वाली छात्राओं को निलंबन और निष्कासन की धमकियां दी जाती थीं. छात्राओं के माता-पिता को हस्तक्षेप करने से रोका जाता था.
डिग्री की धमकी और छात्राओं में डर
आगे इसमें जिक्र है कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती और उसके कुछ सहयोगियों की ओर से महिला छात्राओं का यौन उत्पीड़न एवं मानसिक उत्पीड़न किया गया. व्हाट्सऐप और एसएमएस के माध्यम से छात्राओं को अश्लील और आपत्तिजनक संदेश भेजे जाते थे. संदेशों या यौन आग्रहों का विरोध करने पर छात्राओं को डिग्री रोकने और दस्तावेज न देने की धमकियां दी जाती थीं. महिला छात्राओं में डर है. छात्राएं व्यक्तिगत रूप से सामने आने से डरती हैं और अपने जीवन के लिए खतरा महसूस कर रही हैं.
ब्यूरो रिपोर्ट आल राइट्स मैगज़ीन

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