कमल नहीं खिला- फूलपुर और गोरखपुर में (हाथी-साईकिल ने दिखाया कमाल)
उत्तरप्रदेश और बिहार में तीन लोकसभा और दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजे अब सामने हैं। उत्तर प्रदेश के फूलपुर में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन ने बीजेपी को हराया दिया है। फूलपुर में सपा प्रत्याशी नागेंद्र पटेल ने बीजेपी के कौशलेंद्र पटेल को 59613 वोटों से हराया। फूलपुर यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की सीट थी। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की सीट गोरखपुर पर भी बीजेपी पिछड़ रही है। तो वहीं बिहार के अररिया में भी राजद उम्मीदवार ने बीजेपी के प्रदीप सिंह को पछाड़ दिया है। बिहार के जहानाबाद विधानसभा सीट पर भी राजद ने जीत दर्ज कर ली है। BJP ने बिहार की भभुआ विधानसभा सीट पर जीत दर्ज कर ली है।
अखिलेश यादव के प्रयोग ने किया कमाल
दरअसल 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव से ऐन पहले अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाकर बीजेपी को रोकने के लिए गठबंधन किया था , लेकिन इसके बावजूद इस गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा। उनके गठबंधन के फैसले की सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने आलोचना भी की थी. अब बसपा के साथ तालमेल के मामले में भी कहा जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव इसके पक्ष में नहीं थे. लेकिन इन सबके बावजूद अखिलेश यादव ने अपने प्रयोगों को नहीं छोड़ा। निकाय चुनावों में सपा और कांग्रेस अलग-अलग लड़े. उसके बाद इन उपचुनावों से पहले बीएसपी के साथ तालमेल का रंग ला रहा है और बीजेपी की इन दोनों सीटों को उससे छीनने के लिए सपा अग्रसर दिख रही है। इस कामयाबी के साथ ही लगातार प्रयोग कर रहे अखिलेश यादव यूपी की सियासत में अब बीजेपी के सबसे बड़े विरोधी नेता के तौर पर एक कद्दावर चेहरा बनकर उभरे हैं।
गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में सपा की बड़ी बढ़त से पार्टी मुखिया अखिलेश यादव को बड़ी राहत मिली है। ऐसा इसलिए क्योंकि सपा और बसपा के तालमेल की पैरोकारी एक साल पहले सबसे पहले उन्होंने ही की थी और आखिर में इन उपचुनावों के ऐन पहले मायावती के समर्थन की घोषणा और उनके संभावित अपेक्षित नतीजों ने अखिलेश यादव के विजन पर मुहर लगा दी है। यानी यूपी में सत्ता गंवाने के बाद सियासी बियाबान में पहुंचे अखिलेश यादव की इस बढ़त के साथ ही राज्य में बीजेपी को टक्कर देने वाले सबसे बड़े नेता बनकर उभरे हैं।