खनन में आईटी एवं डिजिटलीकरण पहल
कोयला सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने कोयला उत्पादन और वितरण में दक्षता और पारदर्शिता में सुधार के लिए अपने खनन कार्यों में निम्नलिखित डिजिटलीकरण और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) आधारित पहलों को अपनाया है-
कोल इंडिया लिमिटेड –
(i) एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (आई.सी.सी.सी.) – 24×7 इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और अलर्ट उत्पादन की सुविधा के लिए खनन क्षेत्रों के रणनीतिक स्थान पर कई परिचालन और सुरक्षा कार्यों का प्रबंधन करने के लिए
(ii) ऑपरेटर स्वतंत्र ट्रक डिस्पैच प्रणाली
(iii) ई-एमबी और ई-बिलिंग पोर्टल
(iv) सुरक्षा पहलों की प्रभावी निगरानी और कार्यान्वयन तथा सुरक्षा निरीक्षणों की प्रभावशीलता में सुधार के लिए केंद्रीकृत सुरक्षा सूचना प्रणाली (सी.एस.आई.एस.)
(v) सतत परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली (सी.ए.ए.क्यू.एम.एस.)
(vi) डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि और उन्नत डिजिटल प्रौद्योगिकियों के माध्यम से निर्णय लेने और प्रदर्शन को मजबूत करने के लिए डिजिटल परिवर्तन पहल (डिजिकोल)
(vii) कर्मचारी संसाधन योजना (ई.आर.पी.) पहल
(viii) पीएम गति-शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान, जिससे परिवहन मार्गों की पहचान करने, परियोजनाओं में कमी का पता लगाने, रेलवे, बिजली लाइनों और पाइपलाइनों के लिए उपयुक्त मार्गों की पहचान करने में मदद मिलेगी।
(ix) किसी भी भारतीय नागरिक द्वारा की गई अवैध खनन रिपोर्ट पर रिपोर्टिंग और कार्रवाई के लिए खनन प्रहरी मोबाइल ऐप और संबंधित कोयला खान निगरानी एवं प्रबंधन पोर्टल (सी.एम.एस.एम.एस.) का विकास।
सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड –
(i) 2008 से एस.ए.पी. (ई.आर.पी.) के विभिन्न मॉड्यूलों का कार्यान्वयन।
(ii) ग्लोबल पोजिशन सिस्टम/व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम आधारित कोयला परिवहन वाहन निगरानी प्रणाली लागू
(iii) विशिष्ट एवं महत्वपूर्ण स्थानों के लिए सी.सी.टी.वी. निगरानी कवरेज तैनात
(iv) ऑपरेटर स्वतंत्र ट्रक डिस्पैच सिस्टम (ओ.आई.टी.डी.एस.)
(v) ड्रोन का सीमित उद्देश्य के लिए उपयोग
एन.एल.सी. इंडिया लिमिटेड –
(i) खदान में तैनात उपकरणों की ट्रैकिंग के लिए जी.पी.एस. तकनीक का उपयोग करते हुए ऑपरेटर स्वतंत्र ट्रक डिस्पैच प्रणाली और जियो-फेंसिंग तकनीक को लागू किया गया है।
(ii) डिजिटल लॉजिस्टिक प्रबंधन प्रणाली (डी.एल.एम.एस.) का कार्यान्वयन, जो कोयला प्रेषण परिचालन से जुड़ी संभार तंत्र और सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक व्यापक समाधान है।
(iii) वॉल्यूम माप के लिए जी.एन.एस.एस. रिसीवर के साथ 3डी टी.एल.एस. का उपयोग
कोयला मंत्रालय ने नागरिकों द्वारा कोयले की चोरी और अवैध खनन की घटनाओं की सूचना देने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने वाले अधिकारियों को शिकायतों पर समय पर उचित कार्रवाई करने में सक्षम बनाने के लिए खनन प्रहरी मोबाइल ऐप और कोयला खान निगरानी एवं प्रबंधन प्रणाली (सी.एम.एस.एम.एस.) वेब ऐप आरंभ किया है। इसके अलावा, कोयला क्षेत्र की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा की गई पहल से परिचालन की वास्तविक समय पर निगरानी सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।
यह जानकारी केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी है।
ब्यूरो चीफ, रिजुल अग्रवाल
