INDO-US कूटनीति की जीत, पाक ने हाफिज़ को माना आतंकी, अब कार्रवाई का इंतजार

भारत के कश्मीर में हर रोज हो रहे आंतकी हमलों के खिलाफ जहां सेना मजबूती से जवाब देते हुए, आंतकियों को 72 हूरों के पास भेजने का काम कर रही है। तो वहीं केन्द्र सरकार अपनी कूटनीति के जरिए अमेरिका के साथ मिलकर पाकिस्तान पर लगातार मोस्ट वांटेड आतंकियो के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बना रहा है , और अब इस(भारत- अमेरिका) दबाव के आगे झुकते हुए पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ कड़े एक्शन लेने को मजबूर हो गया है। पाकिस्तान ने एक फैसला किया है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने एक ऐसे अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए हैं । जिसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों और लश्कर-ए-तैयबा, अल-कायदा तथा तालिबान जैसे संगठनों पर लगाम लगाना है। जिससे मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज़ सईद की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण (NACTA) ने इस नए कदम की पुष्टि करते हुए कहा कि गृह मंत्री, वित्त मंत्री और विदेश मंत्री के साथ- साथ NACTA की आतंकवाद वित्तपोषण विरोधी (CFT) इकाई इस मामले पर एक साथ मिलकर काम कर रही है।
आपको बता दें कि UNSC ने जिन आंतकी संगठनो को बैन किया है । उसमें लश्कर-ए-तैयबा, अलकायदा ,तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, लश्कर-ए-झांगवी, जमात-उद-दावा, और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ), अन्य शामिल है ।
पाकिस्तान के इस नए कदम पर अब पूरी दुनिया की नज़र रहेगी, कि क्या पाकिस्तान वाकई मेंUNSC के बैन किए गए अांतकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का माद्दा रखता है या हर बार कि तरह ही सिर्फ खानापूर्ति करता है ? और क्या हाफिज़ सईद पाकिस्तान में होने वाले आम चुनावों में हिस्सा ले पाएगा ?
