गाँधी उद्यान में, कार्यकर्ताओं ने महिला सुरक्षा, महिला सम्मान और महिला स्वावलंबन पर लगाई महिला संसद।

बरेली (अशोक गुप्ता )- आज दिनांक 11,3,2022 को वुमेन चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी के तत्वाधान में संगठन की प्रदेश अध्यक्ष ऋतु शाक्य के नेतृत्व में गाँधी उद्यान में,कार्यकर्ताओं ने महिला सुरक्षा, महिला सम्मान और महिला स्वावलंबन पर लगाई महिला संसद।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संगठन की प्रदेश अध्यक्ष ऋतु शाक्य ने कहा कि आज महिलाओं को शिक्षित होना पड़ेगा, उनको यूनाईटेड रहना पड़ेगा,उनको चार दीवारी से निकलकर अपने हक और अधिकारो के लिए संघर्ष करना पड़ेगा, तभी वो सम्मान और स्वाभिमान से जी सकेंगी।
आज हमारा यह संगठन पूरे उत्तर प्रदेश में लगभग 40 जिलों में महिलाओं के हक की आवाज़ उठा रहा है।

महिलाओं के रोजगार के लिए स्वयं सहायता समूह, व सिलाई, कड़ाई और ब्यूटीशियन के निःशुल्क कैम्प लगाकर महिलाओं को रोजगार से जोड़ रही है।
और,गरीब बच्चों के लिए उनको हमारे संगठन की सैकड़ो कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर निःशुल्क शिक्षा दे रही हैं।

जो स्त्री का अपमान करता है, वो मां का अपमान करता है,
जो भगवान का अपमान करता है, उसका पतन निश्चित है।

एक स्त्री कभी अपने लिए नहीं जीती है वह दूसरों के सुख में ही अपना सुख का अनुभव करती है,
पर आज वो समय आ गया है कि जब महिला सशक्तिकरण में भी हम उसी क्षमता की बात कर रहें हैं जहाँ महिलाएं परिवार और समाज के सभी बन्धनों से मुक्त होकर अपने निर्णयों की निर्माता खुद हो,
हम सभी का कर्तव्य है कि महिलाओं को उनके सम्मान और अधिकार दिलाने के लिए आगे आना होगा।
दुनियाँ का कोई भी देश तब तक विकास नहीं कर सकता, जब तक उस देश की महिलाएं बराबर से साथ न दें।


हमे उन लोगो की सोंच को बदलना होगा जो दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या,महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा,में लिप्त रहकर देश की आधी आबादी को अपमानित करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
कुछ पितृसत्तात्मक पुरुष आज भी महिलाओं को अपना गुलाम समझते हैं,अगर आदमी आज़ाद पैदा हो सकते हैं तो औरतें गुलाम कैसे पैदा हो सकती हैं।

मण्डल अध्यक्ष शशिप्रभा ने कहा कि
नर और नारी का दर्जा समानता का है, उसमें छोटे या बड़े का कोई भेद नहीं है।
देश में लगातार घट रही महिलाओं की संख्या और बढ़ रहे कन्या भ्रूण हत्या, महिलाओं पर अत्याचार और बलात्कार के मामले काफी चिंताजनक है।
देश में जहां एक ओर स्त्री को माँ के रूप में उनकी पूजा की जाती है, वहीं आज भी कुछ लोग बेटी पैदा होने पर अफसोस मनाते हैं।
सुनो बेटियो को कमजोर और बोझ मानने बाले लोगो,भारत में ऐसी हज़ारो लड़कियां है जिन पर भारत के हर नागरिक को गर्व होता है।
कार्यक्रम में पिंकी,अंजू,नीतू,निशि,शायली,तारा देवी,जगरानी,संगीता वर्मा, जशोदा, नीरज,रुचि, कपिल,तुलसा,कमलेश,सरला, रौशनी, विजेता,आशा,बबली गौतमी,प्रीती, मंजू मौर्य,ममता, राजकमारी,काव्या शाक्य, कुसुम शाक्य, सोनी,रमेश मौर्य, हरेंद्र शाक्य, धर्मेंद्र,
निशा,सीमा, गीता,कशिश,
आदि लोगों के साथ सैकड़ो महिलाएं मौजूद रहीं।

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