IFFCO : सन 1993 से यू एस अवस्थी इफको में प्रबंध निदेशक के पद पर आसीन हैं.
सन 1993 से यू एस अवस्थी इफको में प्रबंध निदेशक के पद पर आसीन हैं. सन 2003 में कैबिनेट के बगैर प्रस्ताव के जबरन केंद्र सरकार के 69.11% शेयर फेस बैलू पर वापस कर दिए थे. इफको में कृषि एवं उवर्रक मंत्रालय के संयुक्त सचिव निदेशक थे वह विरोध करते रह गए.
मा.प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव रहे निरपेंदर मिश्र उवर्रक सचिव थे उन्होंने आंतरिक नोटशीट में शेयर वापसी का विरोध जताया तो अटल सरकार के उवर्रक मंत्री सुखदेव सिंह ढीडसा ने रातोंरात श्री मिश्र का तवादला करा दिया. इस घोटाले की अहम् बात यह है कि प्रबंध निदेशक नौकर थे और अघोषित मालिक बन गए. केंद्र सरकार ने 1967 में इफको में 290 करोड़ का निवेश किया था और सरकार को वही 2003 में वापस मिला. बाकी पैसा मंत्री कृषि सचिव जेएनएल श्रीवास्तव एवं उनकी मंडली खा गई. इफको की शुरुआत कुल 420 करोड़ से 1964 में हुई थी. सन 2003 से अब तक कुल 1 लाख नब्बे करोड़ का घोटाला हो चुका है. भारत ही नहीं विदेश में भी इफको का साम्राज्य है परंतु भ्रष्टाचार मुक्त भारत की बात करने वाले इस घोटाले को दवाए रहे. मैं सन 2015 से निरंतर अध्ययन कर रहा था. सन 2016 में मुझे मंत्रालय की आंतरिक नोटशीट हाथ लगी फिर उसे स्वयं आंगल भाषा से हिन्दी अनुवाद किया. अक्टूबर 2018 में मेरी पुस्तक “इफको किसकी” सेल्फ फाइनेंस से पब्लिस हुई. इफको प्रबंधन ने मुझे खत्म करने के उद्देश्य से 10000 करोड़ का मुझ पर मानहानि का केस किया. मैं मा.सुप्रीम कोर्ट गया और मा.चीफ जस्टिस श्री रंजन गोगोई के सामने हाथ जोड़ कर भारत के 5.5 करोड़ इफको के सदस्य किसानों का पक्ष हिन्दी में यह कहकर रखा मुझे अंग्रेजी नहीं आती है. फरवरी 2019 में यूनियन आँफ इंडिया सीबीआई ईडी को शीघ्र जांच के आदेश के साथ मुझे उक्त को प्रिजेंटेशन देने के आदेश हुए. मार्च 2019 में मैंने केंद्र सरकार सीबीआई, ईडी को प्रिजेंटेशन दिया. 29 जून 19 को सीबीआई एवं रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने प्रबंधन के ठिकानों पर छापेमारी की. और इसी बीच सरकार में उदय शंकर अवस्थी ने सेटिंग कर ली. फरवरी 2020 में मैने मा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सहित एजेंसियों के प्रमुख एवं 10 को वाईनेम पार्टी बनाया. फिर अक्टूबर 2020 में सीबीआई ने रेड की.अब 17मई को सीबीआई ने उदय शंकर अवस्थी सहित 10 नामजद और 35 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दिया. RJD सांसद आइडी सिंह अवस्थी के बेटों की कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट थे इसलिए गिरफ्तार हो गए. कल सुबह से उदय शंकर अवस्थी को सीबीआई ने हिरासत में ले रखा है. इस तरह मैंने अपनी जान की बाजी लगाकर राष्ट्र की सेवा की है. इस संघर्ष में मेरी एक आंख का इलाज न होने से मुझे अपार क्षति हुई है. आज मुझे बहुत बडी आत्म संतुष्टि है. रविंद्र सिंह सूर्यवंशी पत्रकार एवं लेखक.
बरेली से संपादक गोपाल चंद्र अग्रवाल की रिपोर्ट !