हुमायूं कबीर: ‘बंगाल का ओवैसी’।

🚀 बंगाल की राजनीति में नया मोर्चा: ममता के पूर्व विधायक हुमायूं कबीर बनाएंगे नई पार्टी; खुद को बताया ‘बंगाल का ओवैसी’

कोलकाता/नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पूर्व विधायक हुमायूं कबीर ने TMC के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है। कबीर ने खुद को “बंगाल का ओवैसी” बताते हुए दावा किया है कि वह 22 दिसंबर को लाखों समर्थकों के साथ अपनी नई पार्टी की नींव रखेंगे।

हुमायूं कबीर की नजर राज्य के बड़े मुस्लिम वोट बैंक (27%) पर है और उन्होंने 2026 के विधानसभा चुनाव में ‘किंगमेकर’ बनने का दावा किया है।

🤝 ओवैसी से गठबंधन का दावा

हुमायूं कबीर ने दावा किया है कि उन्होंने AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी से बात की है और वह उनके साथ गठबंधन के लिए राजी हो गए हैं।

कबीर के अनुसार, “ओवैसी ने मुझसे कहा है कि वो हैदराबाद के ओवैसी हैं और मैं बंगाल का ओवैसी हूं।” इस दावे से बंगाल की राजनीति में AIMIM की संभावित मजबूत एंट्री की अटकलें तेज हो गई हैं।

🎯 TMC के मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी की चुनौती

TMC का बड़ा आधार मुस्लिम वोट बैंक माना जाता है। हुमायूं कबीर ने इस वोट बैंक में सेंधमारी की खुली चुनौती दी है।

  • नई पार्टी का उद्देश्य: कबीर का कहना है कि उनकी नई पार्टी विशेष रूप से मुस्लिमों के लिए काम करेगी।

  • उम्मीदवारों की संख्या: उन्होंने दावा किया है कि उनकी पार्टी राज्य की 135 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।

  • गेमचेंजर: कबीर ने भविष्यवाणी की है कि उनकी यह नई पार्टी ‘गेमचेंजर’ साबित होगी और TMC का मुस्लिम वोट बैंक खत्म कर देगी।

🗓️ नई पार्टी की घोषणा

हुमायूं कबीर ने अपनी राजनीतिक योजनाओं का समयबद्ध ब्यौरा भी दिया है:

तिथि गतिविधि
10 दिसंबर कोलकाता में पार्टी कमेटी का गठन
22 दिसंबर लाखों समर्थकों के साथ नई पार्टी की औपचारिक स्थापना

याद दिला दें: 2021 के विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी AIMIM ने बंगाल में 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिली थी। ऐसे में, हुमायूं कबीर के साथ गठबंधन करके ओवैसी की पार्टी राज्य की राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी में है।


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