नेता विपक्ष के साथ बड़ा खेला, तेजस्वी यादव का नाम वोटर लिस्ट से गायब!
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत जारी हुई नई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि उनका नाम इस लिस्ट से गायब है।
तेजस्वी ने कहा, “हम लोग शुरु से एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे थे. शुरु से हम लोग कह रहे थे कि गरीब मतदाताओं का नाम कटेगा. लाखों मतदाताओं के नाम काटे गए. मतदाता सूची से जिनका नाम कटा, उनका नाम क्यों नाम कटा उसकी जानकारी चुनाव आयोग देगा. ऐसा चुनाव आयोग ने कहा था. वोटर लिस्ट ड्राफ्ट जारी कर तो दिया, लेकिन यह जानकारी नहीं दी गई. दो लोग जो गुजराती हैं, वो जो कहेंगे उसी का नाम वोटर लिस्ट में आएगा.”
तेजस्वी ने सुल्तानगंज विधानसभा का लिस्ट दिखाते हुए कहा कि इस लिस्ट में ये नहीं बताया गया है की जिनका नाम कटा है, वो किस कारण से कटा है. करीब साढ़े आठ प्रतिशत नाम काटे गए हैं. चुनाव आयोग ने इसमें ना तो बूथ ना वोटर का नाम दिया न एपिक नंबर दिया. तेजस्वी यादव ने ये भी सवाल किया कि क्या एसआईआर के दौरान क्या फिजिकल वेरिफिकेशन हुआ? क्या बीएलओ तीन बार मतदाताओं के पास गए? जो 65 लाख मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से कटा क्या उनको या उनके किसी रिश्तेदार को नोटिस दिया गया था की नाम कटेगा? आप टारगेटेड काम कर रहे हैं. लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं. आखिर चुनाव आयोग मुख्य बातें क्यों छुपा रहा है? पारदर्शिता क्यों नहीं रखी गई?
चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ने यह गलत दावा किया है कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं है। जबकि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में क्रमांक 416 पर दर्ज है। इसलिए, यह दावा कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल नहीं है, झूठा और तथ्यात्मक रूप से गलत है।
तेजस्वी यादव ने आयोग से आपत्तियों की अंतिम तिथि को बढ़ाने की भी अपील की है ताकि जिन लोगों के नाम गलती से हटाए गए हैं, उन्हें फिर से जोड़ा जा सके।