ED ने ₹60.52 करोड़ हेराफेरी पर PC दर्ज की।
🚨 ED ने दर्ज की प्रॉसिक्यूशन शिकायत: ₹60.52 करोड़ के विमुद्रीकृत नोटों की हेराफेरी का मामला
सूरत/अहमदाबाद: प्रवर्तन निदेशालय (ED), सूरत उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने महाऋषि संजयभाई चोक्कास और अन्य के खिलाफ एक धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) मामले में 27/11/2025 को माननीय विशेष न्यायालय (PMLA), अहमदाबाद के समक्ष एक प्रॉसिक्यूशन शिकायत (PC) दायर की है।
ईडी ने यह जाँच सीबीआई, गांधीनगर द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत महाऋषि संजयभाई चोक्कास, सुनील आर. रूपानी और अन्य के खिलाफ की गई जाँच के आधार पर शुरू की थी।
💰 मनी लॉन्ड्रिंग और अपराध की आय (Proceeds of Crime)
आरोपितों पर आपराधिक षडयंत्र रचकर बैंकिंग प्रणाली में विमुद्रीकृत निर्दिष्ट बैंक नोटों (Demonetised Specified Bank Notes – SBNs) को चैनलाइज़ करने और इस प्रकार ₹60.52 करोड़ की ‘अपराध की आय’ (Proceeds of Crime – POC) उत्पन्न करने का आरोप है।
🔍 हेराफेरी की मुख्य कार्यप्रणाली:
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जालसाज़ी से जमा: महाऋषि एस. चोक्कास और हिमांशु आर. शाह ने अन्य लोगों के साथ मिलकर मेसर्स नीरव एंड कंपनी के मालिक नीरव आर. शाह की जानकारी के बिना, जाली दस्तावेजों का उपयोग करके एक निष्क्रिय बैंक खाते में ₹36.17 करोड़ के विमुद्रीकृत नोट जमा किए।
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अधूरे केवाईसी का उपयोग: इसी तरह, महाऋषि संजयभाई चोक्कास और सुनील रमेशभाई रूपानी ने सुनील रूपानी की स्वामित्व वाली फर्म मेसर्स एस. आर. ट्रेडर्स के बैंक खाते में अधूरे केवाईसी (KYC) दस्तावेजों का उपयोग करके ₹24.35 करोड़ के विमुद्रीकृत नोट जमा किए।
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कुल जमा राशि: इस प्रकार, महाऋषि एस. चोक्कास, हेमांशु आर. शाह और सुनील रूपानी ने कुल ₹60.52 करोड़ के विमुद्रीकृत नोट जमा किए।
🔗 POC को छिपाने (Layering) के तरीके
आरोपितों ने जमा किए गए POC को छुपाने (Layering) के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए:
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खातों में स्थानांतरण: POC को मेसर्स नीरव एंड कंपनी और मेसर्स एस. आर. ट्रेडर्स के बैंक खातों से उनके नियंत्रण वाली संस्थाओं— मेसर्स शाह मगनलाल गुलाबचंद चोक्सी, मेसर्स महर्षि ट्रेडर्स, मेसर्स डी. एन. ट्रेडर्स—के खातों में स्थानांतरित किया गया।
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अंतिम उपयोग: POC का उपयोग अंततः कई बुलियन आपूर्तिकर्ताओं से सोना/चाँदी के बुलियन खरीदने या व्यक्तिगत देनदारियों (Personal Liabilities) को चुकाने के लिए किया गया।
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फर्जी बिक्री: उन्होंने POC को वैध दिखाने के लिए अपने नियंत्रण वाली संस्थाओं के माध्यम से कई अज्ञात व्यक्तियों के नाम पर काल्पनिक बिक्री दिखाई। उन्होंने ₹2 लाख से कम के लेनदेन मूल्य वाले चालान के लिए पैन (PAN) घोषित न करने के प्रावधान का दुरुपयोग किया।
🏛️ संपत्ति कुर्की (Attachment)
जाँच के दौरान, महाऋषि एस. चोक्कास से संबंधित ₹2.6 करोड़ की एक अचल संपत्ति को पहले ही PMLA के तहत अस्थायी रूप से कुर्क (Provisionally Attached) किया जा चुका है।
आगे की जाँच प्रगति पर है।
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