₹2438 Cr. AGTPL पोंजी स्कीम पर ED का छापा

💥 ₹2,438 करोड़ की महाठगी: आरुद्रा गोल्ड पोंजी स्कीम पर ED का बड़ा एक्शन, चेन्नई-मुंबई समेत 21 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी

 

चेन्नई/नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़े निवेश धोखाधड़ी (Investment Fraud) मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए, आरुद्रा गोल्ड ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड (AGTPL) और इसके निदेशकों से जुड़े 21 ठिकानों पर सघन तलाशी अभियान चलाया है।1 26 नवंबर, 2025 को की गई यह कार्रवाई चेन्नई, कांचीपुरम, मुंबई और कोलकाता जैसे महानगरों में एक साथ हुई, जिसके तहत धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत जांच की जा रही है।

 


💸 पोंजी घोटाले का शिकार बने 1 लाख से अधिक निवेशक

 

ईडी ने यह जांच चेन्नई की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। यह मामला आरुद्रा गोल्ड कंपनी द्वारा चलाए गए एक विशाल पोंजी स्कीम (Ponzi Scheme) से जुड़ा है।

तथ्य विवरण
लुभावना वादा कंपनी ने आम जनता को 10% से 30% तक के अत्यधिक मासिक रिटर्न और सोने के सिक्कों का लालच दिया।
दावा की गई ठगी जून 2023 तक, 1,04,433 जमाकर्ताओं ने शिकायतें दर्ज कराईं, जिनकी कुल राशि ₹2,438 करोड़ है।
डिफॉल्ट राशि कंपनी द्वारा लौटाने में विफल रही राशि ₹1,404 करोड़ आंकी गई है।
मुख्य आरोपी इस महाघोटाले का मुख्य आरोपी वी. राजशेखर अभी भी अपनी पत्नी के साथ फरार है।

EOW पहले ही AGTPL समूह की कंपनियों, निदेशकों और एजेंटों सहित 40 व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।


🔄 ₹2,000 करोड़ के संदिग्ध लेनदेन का खुलासा: मनी लॉन्ड्रिंग की परतें खुलीं

 

ईडी की PMLA जांच में कंपनी और संबंधित व्यक्तियों के बैंक खातों का गहन विश्लेषण किया गया, जिससे चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं:

  • कुल लेनदेन: खातों में लगभग ₹2,000 करोड़ का लेनदेन दर्ज किया गया।

  • फंड की हेराफेरी: लगभग ₹1,060 करोड़ के उच्च-मूल्य वाले लेन-देन (प्रत्येक ₹10 लाख से अधिक) मिले। जांच से पता चला कि यह पैसा AGTPL के कई खातों में केवल गोल-मोल घुमाया जा रहा था (Circular Movement of Funds)।

  • निजी उपयोग: जनता की जमा पूंजी को व्यक्तिगत और गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए बड़े पैमाने पर डायवर्ट किया गया।

  • डमी डायरेक्टर: ईडी को पता चला कि कंपनी में कुछ निदेशक केवल डमी डायरेक्टर थे, जो सामान्य/छोटे-मोटे काम करते थे, जबकि उन्हें कंपनी के मामलों की कोई जानकारी नहीं थी।


📦 छापेमारी में ₹22 लाख नकद और करोड़ों के दस्तावेज़ जब्त

 

ईडी की तलाशी के दौरान निवेश, संपत्ति होल्डिंग्स और फंड लेयरिंग से जुड़े आपत्तिजनक दस्तावेज़ और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए।

  • जब्त नकद: ₹22 लाख नकद जब्त किया गया।

  • संपत्ति दस्तावेज़: ₹1.50 करोड़ से अधिक मूल्य के अचल संपत्ति (Immovable Property) के दस्तावेज़ भी बरामद किए गए।

मामले में आगे की जांच जारी है, और ईडी इस पोंजी स्कीम के मास्टरमाइंड वी. राजशेखर और उसके सहयोगियों की तलाश में जुटी है।


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