ED: मुख्तार अंसारी, 2 करोड़, संपत्ति जब्त,
🚨 ED का मुख्तार अंसारी गैंग पर शिकंजा: सहयोगी शादाब अहमद की ₹2.03 करोड़ की संपत्ति कुर्क!
सरकारी जमीन पर अवैध कब्ज़ा, FCI को गोदाम किराये पर देकर कमाए ₹27 करोड़
प्रयागराज: प्रवर्तन निदेशालय (Directorate of Enforcement – ED) ने गैंगस्टर से नेता बने दिवंगत मुख्तार अंसारी और उनके करीबियों के खिलाफ अपनी जांच तेज कर दी है। ED के प्रयागराज सब-ज़ोनल ऑफिस ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत ₹2.03 करोड़ की छह अचल संपत्तियों को अस्थाई रूप से कुर्क (Provisionally Attached) किया है।
यह कार्रवाई मुख्तार अंसारी के करीबी सहयोगी शादाब अहमद और उनकी पत्नी के नाम पर दर्ज संपत्तियों से संबंधित है।
✈️ शारजाह से लौटते ही हुई गिरफ्तारी
-
फरार आरोपी: शादाब अहमद 2022 से ही फरार था, जब उसके ठिकानों पर ED ने तलाशी ली थी।
-
गिरफ्तारी: अक्टूबर 2025 में, ED द्वारा जारी लुक आउट सर्कुलर (Look Out Circular) के आधार पर शादाब अहमद को शारजाह से लखनऊ हवाई अड्डे पर उतरते ही हिरासत में ले लिया गया।
-
रिमांड: कोर्ट से गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद, स्पेशल जज (PMLA/CBI), लखनऊ ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। बाद में ED ने 31.10.2025 को प्रयागराज में उसकी कस्टडी हासिल की।
🏗️ ऐसे कमाया गया अवैध धन (Proceeds of Crime)
ED ने यह जांच मऊ और गाजीपुर में दर्ज दो FIRs के आधार पर शुरू की थी। जांच में खुलासा हुआ कि मुख्तार अंसारी द्वारा संचालित फर्म मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन (M/s Vikas Construction) ने अवैध तरीकों से ‘अपराध आय’ (Proceeds of Crime – POC) अर्जित की:
-
सरकारी जमीन पर अवैध कब्ज़ा: फर्म ने कथित तौर पर मऊ के रैनी गांव में सरकारी जमीन पर अवैध कब्ज़ा किया और वहां एक अवैध गोदाम का निर्माण किया। गाजीपुर में भी इसी तरह का एक और अनधिकृत निर्माण किया गया था।
-
POC का जरिया: इन अवैध रूप से निर्मित गोदामों को बाद में भारतीय खाद्य निगम (FCI) को किराये पर दे दिया गया। किराए से होने वाली आय और NABARD सब्सिडी के माध्यम से भारी POC जेनरेट की गई।
-
कुल POC: इस मामले में अब तक ₹27.72 करोड़ की अनुमानित POC की पहचान की गई है।
💸 शादाब अहमद की भूमिका: मनी लॉन्ड्रिंग का विशेषज्ञ
हिरासत में पूछताछ के दौरान पता चला कि शादाब अहमद ने लगभग ₹10 करोड़ की POC को छिपाने और लेयरिंग (Layering) करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
-
फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल: शादाब अहमद मेसर्स आगाज़ प्रोजेक्ट एंड इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड (M/s Aaghaaz Project and Engineering Pvt. Ltd.) और मेसर्स इनिज़ियो नेटवर्क सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड (M/s Inizio Network Solution Pvt. Ltd.) का निदेशक और अधिकृत वित्तीय ऑपरेटर था।
-
फंड रूटिंग: उसने इन दोनों कंपनियों के बैंक खातों का उपयोग करते हुए मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन से आए अवैध फंड को वैध व्यावसायिक लेनदेन का रूप दिया और फिर उसे अन्य संस्थाओं में भेजकर लॉन्ड्रिंग की।
🏠 खुद को मिला इनाम: ₹2.03 करोड़ की संपत्ति
शादाब अहमद को POC की लॉन्ड्रिंग में मदद करने के बदले में:
-
₹1.91 करोड़ सैलरी के रूप में दिए गए।
-
₹74 लाख असुरक्षित ऋण (Unsecured Loan) के रूप में दिए गए।
इन्हीं पैसों का इस्तेमाल करके उसने कुर्क की गई अचल संपत्तियों को खरीदा था।
📊 कुल कुर्की ₹8.43 करोड़ तक पहुँची
यह इस मामले में चौथा कुर्की आदेश है। इस नई कुर्की के साथ, मामले में अब तक हुई कुल संपत्ति कुर्की ₹8.43 करोड़ तक पहुँच गई है।
मामले में आगे की जांच जारी है।
खबरें और भी:-

