भाजपा सरकार संसद में किसानों, महंगाई, राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर बहस की अनुमति नहीं दे रही है।
जो लोग सड़कों पर आवाज़ उठाते हैं उन्हें बुरी बात कहा जाता है। युवाओं,किसानों,आम लोगों की बात मत करो, वो तो सिर्फ़ अपने मन की बात कर रहे हैं ! राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर की यह कविता उनके अहंकार पर एकदम सटीक बैठती है। जब मनुष्य का विनाश हो जाता है, तो पहले विवेक मर जाता है। ”