दिल्ली EV पॉलिसी: 25000 चार्जिंग स्टेशन

⚡ दिल्ली की नई EV पॉलिसी: हर 3 KM पर चार्जिंग स्टेशन, 5 साल में 25,000+ पॉइंट्स का लक्ष्य; जानें सब्सिडी और बैटरी रीसाइक्लिंग पर क्या है प्लान

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को इलेक्ट्रिक वाहन (EV) हब बनाने की दिशा में दिल्ली सरकार एक बड़ा कदम उठा रही है। नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी की घोषणा कर दी गई है, जो 1 अप्रैल से लागू होगी। इस बार की नीति का मुख्य फोकस चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, इसे सस्ता बनाने और बैटरी रीसाइक्लिंग की चुनौती से निपटने पर है।

🔋 चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर मेगा प्लान: हर साल 5,000 नए स्टेशन

नई ईवी पॉलिसी में चार्जिंग स्टेशन के निर्माण और उनके उचित मेंटेनेंस पर विशेष जोर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत:

  1. 5 साल में 25,000+ स्टेशन: अगले पांच वर्षों में दिल्ली में 25,000 से अधिक चार्जिंग स्टेशन चालू किए जाएंगे।

  2. हर 3 KM पर एक स्टेशन: इस योजना के सफल होने पर, दिल्ली में हर तीन किलोमीटर पर एक चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध होगा।

  3. क्षमता: इस विशाल नेटवर्क से एक साथ 1.25 लाख इलेक्ट्रिक गाड़ियां चार्ज की जा सकेंगी।

इन चार्जिंग पॉइंट्स को मार्केट कॉम्प्लेक्स, मल्टी-लेवल पार्किंग, RWA परिसर, सरकारी बिल्डिंगों और मुख्य सड़कों के किनारे स्थापित किया जाएगा ताकि लोगों को आसानी हो।

💸 चार्जिंग को सस्ता और आसान बनाने पर जोर

सरकार का ध्यान चार्जिंग सिस्टम को यूजर-फ्रेंडली (User-Friendly) और किफायती बनाने पर केंद्रित है। चार्जिंग सिस्टम पर सब्सिडी देने पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। सरकार 31 मार्च से पहले इस पॉलिसी को अंतिम रूप देने की तैयारी में है।

♻️ बैटरी रीसाइक्लिंग और सुरक्षित डिस्पोजल

जैसे-जैसे दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ेगी, इस्तेमाल की गई लिथियम-आयन बैटरी का निपटान (Disposal) एक बड़ी पर्यावरणीय चुनौती बन जाएगा। नई पॉलिसी पहली बार इस समस्या का समाधान करती है:

  • ऑर्गनाइज़्ड सिस्टम: पॉलिसी में बैटरी के कलेक्शन, रीसाइक्लिंग, और सुरक्षित डिस्पोजल के लिए एक संगठित प्रणाली (Organized System) का प्रस्ताव है।

  • पर्यावरण अनुकूल समाधान: इसका लक्ष्य बढ़ते बैटरी वेस्ट का पर्यावरण के अनुकूल समाधान सुनिश्चित करना है।

💰 सब्सिडी का नया स्वरूप: EV अपनाने में तेज़ी

हालांकि अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि पिछली नीतियों की तरह सब्सिडी इस बार मुख्य केंद्र बिंदु नहीं होगी, फिर भी इसे पॉलिसी का हिस्सा बनाए रखा गया है।

  • गाड़ी की मार्केट वैल्यू पर इंसेंटिव: नई पॉलिसी में गाड़ी की मार्केट वैल्यू (Market Value) के आधार पर सब्सिडी देने का प्रस्ताव है।

  • पेट्रोल/डीजल गाड़ियों को EV में बदलना: यह इंसेंटिव न केवल नई EV खरीद पर, बल्कि पुरानी पेट्रोल/डीजल गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में बदलने (Retrofitment) पर भी टैक्स माफी के साथ लागू हो सकता है।

सरकार का मानना है कि अब अधिकांश निजी और वाणिज्यिक खरीदार (Commercial Buyers) बिना सब्सिडी के भी EV को प्राथमिकता दे रहे हैं। कैबिनेट द्वारा इस स्ट्रक्चर पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।


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